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डेंगू-चिकनगुनिया: ‘साफ-सफाई पर हो स्थानीय लोगों की नजर

राजधानी को सुथरा रखने के दिल्ली नगर निगमों के दावों पर अब स्थानीय लोगों की नजर रहेगी। हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार के सभी एसडीएम से अपने-अपने इलाके में साफ-सफाई की औचक निरीक्षण के लिए स्थानीय...

डेंगू-चिकनगुनिया: ‘साफ-सफाई पर हो स्थानीय लोगों की नजर
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 12 Jul 2017 11:08 PM
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राजधानी को सुथरा रखने के दिल्ली नगर निगमों के दावों पर अब स्थानीय लोगों की नजर रहेगी। हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार के सभी एसडीएम से अपने-अपने इलाके में साफ-सफाई की औचक निरीक्षण के लिए स्थानीय लोगों की समिति बनाने विचार करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने एसडीएम इस बारे में मामले की अगली सुनवाई पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। पीठ ने डेंगू-चिकनगुनिया व मच्छर जनित अन्य बीमारियों की रोकथाम की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिकओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि बेहतर होगा कि सभी एसडीएम अपने क्षेत्राधिकार में स्थानीय लोगों की एक सतर्कता समिति बनाए जो इस बात की निगरानी करेंगे कि कर्मचारी कूड़ा घर व सड़कों की नियमित तौर पर साफ सफाई कर रहे हैं या नहीं। हाईकोर्ट ने तीनों नगर निगम की ओर से पेश रिपोर्ट पर विचार करते हुए यह निर्देश जारी किया। हाईकोर्ट ने कहा कि नगर निगमों ने पिछले आदेश के पालन में काफी अच्छा काम किया है लेकिन इसे बेहतर करने के लिए अभी बहुत काम करना पड़ेगा। हाईकोर्ट ने डेंगू-चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए अधिवक्ता गौरी ग्रोवर व अर्पित भार्गव की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने तीनों नगर निगम को सफाई कर्मचारियों के लिए मौके पर ही उपस्थिति दर्ज करने के लिए मोबाइल बायोमेट्रिक प्रणाली की शुरूआत करने की संभावना पर रिपोर्ट मांगा है। कूड़ा फेंकने का समय तय हो हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगमों को निर्धारित स्थानों पर कूड़ा फेंकने के लिए निश्चित समय तय करने पर विचार करने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा है अभी कर्मचारी ढ़लाव घरों से कूड़ा उठाकर ले जाते हैं और इसके कुछ ही देर बाद लोग वहां फिर से कूड़ा कचरा फेंक देते हैं। ऐसे में गंदगी जस की तस बनी रहती है। पीठ ने कहा कि बेहतर होगा कि कूड़ा फेंकने के लिए समय तय किए जाएं ताकि एक बार साफ होने पर वहां दोबारा गंदगी न हो। हाईकोर्ट ने कहा है कि इधर-उधर कूड़ा फेंकने के बजाए लोगों को कुछ देर के लिए कूड़ा कचरा अपने घरों में रखना सीखना होगा। पीठ ने कहा कि राजधानी को साफ सुथरा रखने के लिए लोगों की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। कूड़ा उठाकर फेंकते कहां हो राजधानी में रोजाना 9000 मिट्रिक टन कूड़ा जमा होता है। हाईकोर्ट ने तीनों नगर निगमों से कहा कि आप रोजाना इसे उठाकर कहां फेंक रहे हो क्योंकि सभी लेंडफिल साइट पहले से भड़े पड़े है। हाईकोर्ट ने नगर निगम से पूछा कि लैंडफिल साइट बनाने के लिए जमीन तलाशने के लिए अभी तक क्या कदम उठाया। हाईकोर्ट ने कहा कि कूड़ा फेंकने के लिए जगह नहीं है, आपकों इसका रिसाइकल करने की योजना पर काम करना होगा। इस पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर पीठ को बताया गया कि उसके क्षेत्राधिकार में 3400 मिट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन निकलता है और इसमें से 2000 मिट्रिक टन कूड़ा का रिसाइकल कर दिया जाता है। मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टर दे केंद्र दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि अभी वह राजधानी में 166 मोहल्ला क्लीनिक चलाती है और इनमें डाक्टरों की कमी है। सरकार की ओर से अधिवक्ता संजय घोष ने केंद्र सरकार को मोहल्ला क्लीनिक के लिए डॉक्टर देने का निर्देश देने की मांग की। साथ ही उन्होंने इसके लिए जमीन देने की भी मांग की।

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