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गणपति विसर्जन: दिल्ली में रोहिणी कोर्ट के वकीलों ने शुरू की नई परंपरा

आज पूरे देश में गणपति बप्पा को धूमधाम से विदाई हो रही है। गणपति विसर्जन की तीसरी वर्षगांठ पर दिल्ली में रोहिणी कोर्ट ने नई परंपरा का उद्धारण पेश किया गया। रोहिणी कोर्ट के अधिवक्ता भारत वर्ष में उन...

गणपति विसर्जन: दिल्ली में रोहिणी कोर्ट के वकीलों ने शुरू की नई परंपरा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 23 Sep 2018 09:27 PM
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आज पूरे देश में गणपति बप्पा को धूमधाम से विदाई हो रही है। गणपति विसर्जन की तीसरी वर्षगांठ पर दिल्ली में रोहिणी कोर्ट ने नई परंपरा का उद्धारण पेश किया गया। रोहिणी कोर्ट के अधिवक्ता भारत वर्ष में उन अधिवक्ता की सूची में शामिल हो चुके हैं जिन्होंने वर्ष 2016 में एक साथ शामिल होकर गणपति का विसर्जन किया था, और इस वर्ष लीक से हटकर विसर्जन कि शुरुआत की नींव डाली गयी, परंपरा से हट कर गणपति की प्रतिमा को भेंट स्वरुप दान में भी दिया गया। 

इस मौके पर जुडिशियल काउन्सिल के डायरेक्टर को आमंत्रित किया गया। कई इलाकों कई और मेहमानों को आमंत्रित किया गया। उन्होंने इस मौके पर गणपति विसर्जन के बारे में अपनी बात रखी। इस मौके पर कहा कि 'गणपति जिनको हम दस दिन अपने यहां दिन रात पूजते हैं उनको विसर्जन वाले दिन तालाबों, नदियों, नहरों आदि में में विसर्जित कर देते हैं जिनमे गंदगी पहले से ही मौजूद होती है और हम अपने चहेते गणपति को भी उसी गंदगी के हवाले कर देते हैं यह भी नहीं सोचते की वह भगवान का स्थान नहीं, और गंदगी भगवन का स्थान नहीं हो सकता क्योंकि परंपरा है विसर्जन की तालाबों, नदियों, नहरों आदि में विसर्जन की इसलिए उनको भी गंदगी के हवाले कर दिया जाता है।'

इसके अलावा आमंत्रित अतिथि अधिवक्ता नरेश मोहन सिन्हा ने कहा 'गणपति विसर्जन को शाब्दिक अर्थ में न देख पर्यावरण के लिहाज से भी सोचना चाहिए और यह पहल जो आज विसर्जन की डाली जा रही है, मैं चाहूंगा कि हम इसको जन जन तक पहुंचाये यह सही मायनो में गणपति को सच्ची श्रधांजलि है और पर्यावरण को बचाने में खास पहल है और मैं सुनील मोहन, ल.प गौतम और राजीव अग्निहोत्री को इस कदम के लिए बधाई देता हूँ उन्होंने परंपरागत तरीकों से हट कर एक नई पहल की है।'

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