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विदेश ::: पहले की सरकारों ने आतंकियों को धन मुहैया कराने पर रोक नहीं लगाई : कुरैशी

चाल - एफएटीएफ की कार्ययोजना पर चर्चा से पूर्व बोले पाकिस्तान के विदेश मंत्री ...

विदेश ::: पहले की सरकारों ने आतंकियों को धन मुहैया कराने पर रोक नहीं लगाई : कुरैशी
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 23 Jun 2021 08:30 PM
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चाल

- एफएटीएफ की कार्ययोजना पर चर्चा से पूर्व बोले पाकिस्तान के विदेश मंत्री

- आतंकी वित्त पोषण के लिए जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला गया था

इस्लामाबाद, एजेंसी

एफएटीएफ द्वारा इस हफ्ते 27 सूत्री कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर पाकिस्तान की तरफ से की गई प्रगति की रिपोर्ट पर चर्चा से पहले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने देश में आतंकवादियों को धन मुहैया कराने पर रोक लगाने के लिए कदम नहीं उठाए।

पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची (निगरानी सूची) में डाल दिया था। इस्लामाबाद से धनशोधन और आतंकवाद को धन मुहैया कराए जाने पर 2019 के अंत तक रोक लगाने के लिए कार्ययोजना लागू करने को कहा था। लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से अंतिम समय सीमा को बाद में बढ़ा दिया गया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुरैशी ने मंगलवार को कहा कि पूर्व की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार एफएटीएफ की ग्रे सूची में देश को रखे जाने के लिए जिम्मेदार है। कुरैशी ने कहा, जब पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) सत्ता में आई तब पाकिस्तान पहले से एफएटीएफ की ग्रे सूची में जा चुका था।

एफएटीएफ द्वारा निर्धारित सख्त शर्तों के लिए पीएमएल-एन को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि पहले की किसी भी सरकार ने धनशोधन और आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने पर रोक लगाने के लिए कदम नहीं उठाए। मंत्री ने कहा कि इन स्थितियों में राष्ट्र को दबाव का सामना करना पड़ा है लिहाजा, हमें भी इस दबाव को झेलना होगा। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ की 27 शर्तों को पूरा कर लिया है। अब पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखे जाने का कोई औचित्य नहीं है।

यह बयान तब आया है जब एफएटीएफ 21 से 25 जून तक अपनी पूर्ण बैठक में 27 सूत्री कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर पाकिस्तान द्वारा की गई प्रगति की प्रारंभिक रिपोर्ट पर चर्चा करेगी। यह रिपोर्ट एफएटीएफ के अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) ने तैयार की है जिसमें चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत शामिल हैं।

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