चालू वित्तवर्ष में जीडीपी 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
वित्त मंत्रालय ने नवंबर की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में चालू वित्तीय वर्ष में देश की जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद है, विशेषकर ग्रामीण मांग में...

- वित्त मंत्रालय ने नंवबर की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में अगली छमाही में विकास दर बेहतर होने का अनुमान लगाया नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
वित्त मंत्रालय ने चालू वित्तीय वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। हालांकि दूसरी छमाही में देश की आर्थिक विकास दर में सुधार होने का अनुमान जताया है लेकिन औसत विकास दर अनुमान के आसपास ही रहेगी। नवंबर की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि बीते कुछ महीनों के दौरान मांग में तेजी आई है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में मांग तेजी से बढ़ी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली के मुकाबले दूसरी छमाही बेहतर रहेगी। क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े आंकड़े बता रहे हैं कि निवेश, मांग और खपत बढ़ रही है। दो और तीन पहिया के साथ ट्रैक्टर की बिक्री में उछाल आया है। मॉनसून बेहतर होने से पैदावार अच्छी रही है। इसके साथ ही, अब औसत खर्च बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है। महंगाई के मोर्चो पर देखा जाए तो आरबीआई ने 4.8 प्रतिशत तक रहने का अनुमान लगाया था लेकिन तीसरी तिमाही में 5.7 और चौथी तिमाही में औसत महंगाई दर 4.5 प्रतिशत तक रहेगी। अगले वर्ष तक वैश्विक खतरा भी बने रहने का अंदेशा जताया गया है, जिससे वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बनी रह सकती है। अमेरिकी में पॉलिसी रेट से बाजार में दबाव है। ऐसे में वैश्विक स्थितियों को देखते हुए पॉलिसी दरों पर गहराई से विचार करने की जरूरत है। इससे साफ है कि आने वाले समय में देश में आर्थिक विकास को गति देने के लिए मौद्रिक दरों में बदलाव देखने को मिल सकता है।
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