अपडेट... बैंक जमा राशि जुटाने को आकर्षक योजनाएं लाएं : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को अपने मुख्य कामकाज पर ध्यान देने और अधिक ऋण बांटने की सलाह दी। उन्होंने छोटे बचतकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करने और जमा योजनाओं को आकर्षक बनाने पर जोर दिया।...
शब्द: 556 - वित्त मंत्री ने कहा, बैंक अधिक ऋण बांटने पर ध्यान दें
- वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिति की भी समीक्षा की
नई दिल्ली, एजेंसी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बैंकों से अपने मुख्य कामकाज पर ध्यान देने और जमा राशि बढ़ाने के लिए नई और आकर्षक योजनाएं पेश करने को कहा। उन्होंने कहा कि घरेलू बचत वाले ग्राहक तेजी से अन्य निवेश विकल्पों की ओर जा रहे हैं, ऐसे में इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित करने के बाद सीतारमण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आरबीआई और सरकार दोनों बैंकों से अपनी मुख्य कारोबारी गतिविधियों पर ध्यान देने को कह रहे हैं। बैंकों को आक्रामक रूप से जमा राशि बढ़ाने और अधिक ऋण मुहैया कराने पर ध्यान देना चाहिए। यह बैंकों की मुख्य कारोबारी गतिविधियां हैं। वित्त मंत्री परंपरागत रूप से बजट बाद आरबीआई के निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित करती हैं।
छोटे बचतकर्ताओं पर ज्यादा ध्यान :
सीतारमण ने कहा, आरबीआई ने बैंकों को ब्याज दर के प्रबंधन में कुछ स्वतंत्रता दी है। इसका उपयोग करते हुए उन्हें जमा योजनाओं को आकर्षक बनाना चाहिए। नए-नए उत्पाद लाने चाहिए और जमा राशि जुटाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने बैंक अधिकारियों से बड़े या थोक जमा की बजाय छोटे बचतकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया।
डिजिटल ऋण दिए जा रहे :
इस मौके पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा, हम जमा और ऋण वृद्धि के बीच लगभग तीन से चार प्रतिशत का अंतर देख रहे हैं। इसमें जमा कम है। उन्होंने कहा, ऋण अब डिजिटल रूप से दिए जा रहे हैं, बैंकों में चल रही जमा योजनाओं के साथ ऐसा नहीं है। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इसीलिए बैंकों को जमा प्राप्त करने के लिए अनूठे उत्पादों पर ध्यान देना चाहिए।
दास कहा, कर्ज और जमा का अनुपात बढ़ा है। कासा (चालू खाता और बचत खाता) जमा, कुल जमा का घटकर 39 प्रतिशत पर आ गया है जो एक साल पहले 43 फीसदी था। दूसरी ओर कर्ज बढ़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल समस्या जैसी काई बात नहीं है। लेकिन इस पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसा नहीं किया गया तो नकदी प्रबंधन की समस्या हो सकती है।
ब्याज दरें नियंत्रण मुक्त :
उन्होंने यह भी कहा कि ब्याज दरें नियंत्रण मुक्त हैं और बैंक प्राय: पैसा जुटाने के लिए जमा दरें बढ़ाते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या जमा वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए किसी नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है, दास ने कहा, देश में ब्याज दर नियंत्रण मुक्त है। दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में गुजरात स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड का कारोबार शुरू हो सकता है। बीते अप्रैल माह में रिजर्व बैंक ने घोषणा की थी कि वह गिफ्ट सिटी में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के व्यापार शुरू करने के लिए रूपरेखा जारी करेगा। सरकार ने वर्ष 2022-23 से ग्रीन बॉन्ड के जरिए कुल 36 हजार करोड़ रुपये जुटाए हैं।
विकसित भारत की प्राथमिकताओं का जिक्र :
इससे पहले, सीतारमण ने रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 609वीं बैठक के मौके पर निदेशक मंडल के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने केंद्रीय बजट 2024-25 के दृष्टिकोण, उसमें विभिन्न क्षेत्रों पर जोर और वित्तीय क्षेत्र से अपेक्षाओं की बात कही। वित्त मंत्री ने 'विकसित भारत' की प्राथमिकताओं का भी जिक्र किया।
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