केंद्र सरकार ने कर व्यवस्था को सरल बनाया: निर्मला सीतारमण
नोटःःः इसमें पूर्व में जारी दो खबरें ‘संसदःःः लोकसभाःःः लोकसभा से वित्त विधेयक पारित और
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता लोकसभा में बुधवार को वित्त विधेयक- 2024 को पारित कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में वित्त विधेयक में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) प्रावधान में संशोधन पेश किया और इसके जरिए लोगों को राहत प्रदान की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कर व्यवस्था को सरल बनाया है। कई ऐसे उपाय भी किए हैं, जिनसे मध्यम वर्ग को राहत मिली है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ विपक्षी दलों ने मध्यम वर्ग पर करों का बोझ बताकर ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की कि यह वर्ग नाराज है और बजट में उसके लिए कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपातकाल लगाने वाली सरकारों के समय में देश के अंदर 98 प्रतिशत तक कर लगता था। तब मध्यम वर्ग की चिंता नहीं थी। मौजूदा सरकार ने बीते दस साल में कर प्रणाली में काफी बदलाव किए हैं और कर व्यवस्था को आसान बनाया है, जिससे मध्य वर्ग को भी राहत मिली है।
सीतारमण ने कहा कि कोरोना के बाद अधिकांश विकसित देशों ने आयकर बढ़ाया, लेकिन प्रधानमंत्री ने मुझे स्पष्ट निर्देश दिया था कि नागरिकों पर कोई कर नहीं लगाया जाए। उल्टे बीते दो साल में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई। मुझे विश्वास है कि मध्यम वर्ग को निश्चित रूप से फायदा होगा।
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नई कर व्यवस्था को प्रभावी बनाया
वित्त मंत्री ने नई कर प्रणाली को लेकर कहा कि 15 लाख रुपये की वार्षिक आय पर प्रभावी कर 2023 में घटाकर 10 प्रतिशत किया गया। नई आयकर व्यवस्था के तहत इस साल भी इसे और कम किया गया। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक छूट 50 हजार रुपये से 75 हजार रुपये कर दी गई, जिससे 17,500 रुपये की राहत मिलेगी। 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 7.22 करोड़ करदाताओं में से 72 प्रतिशत ( 5.25 करोड़) ने नई कर प्रणाली को अपनाया है। हमारे कर प्रस्ताव निवेश को आकर्षित करने, रोजगार बढ़ाने और विकास को गति देने वाले हैं।
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किस लिए पेश किया गया संशोधन
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में रियल एस्टेट पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) को 20 प्रतिशत से 12.5 फीसदी करने का प्रस्ताव था। हालांकि इससे इंडेक्सेशन लाभ को हटाया दिया गया था, जिसको लेकर विपक्षी दलों द्वारा लगातार आलोचना की जा रही थी। बुधवार को सदन में वित्त विधेयक में इस संबंध में संशोधन पेश किया। संशोधन के तहत सरकार ने 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई संपत्ति (मकान व अन्य अचल संपत्ति) को बेचने पर कर व्यवस्था चुनने के लिए दो विकल्प दिए हैं। कोई भी व्यक्ति संपत्ति बेचने पर इंडेक्सेशन का लाभ लेकर 20 प्रतिशत एलटीसीजी या फिर बिना इंडेक्सेशन लाभ के 12.5 फीसदी की दर से एलटीसीजी जमा कर सकता है। बुधवार को लोकसभा ने 45 सरकारी संशोधनों के साथ ध्वनिमत से वित्त (संख्यांक- 2) विधेयक-2024 को पारित कर दिया। अब यह विधेयक राज्यसभा में चर्चा के लिए जाएगा।
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स्वास्थ्य, जीवन बीमा पर जीएसटी के पहले से लग रहा कर
वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य व जीवन बीमा पर लगने वाले जीएसटी को हटाने की विपक्ष की मांग पर कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले से दोनों तरह के बीमा पर कर लगता था। विपक्ष को पहले अपनी पार्टी शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों के समक्ष विरोध दर्ज कराना चाहिए। वित्त विधेयक की चर्चा के जवाब में वित्त ने विपक्षी दलों से सवाल किया कि क्या वह अपने राज्यों में कर हटाने के लिए कहेंगे और क्या उन्होंने जीएसटी परिषद में शामिल अपने राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि इस मामले पर विपक्ष दोहरा मापदंड अपना रहा है। स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। इसमें नौ प्रतिशत राज्यों के पास जाता है। केंद्र के पास जो आता है उसमें से भी एक हिस्सा राज्यों को जाता है। मतलब यह कि 100 रुपये में 74 रुपये राज्यों को चला जाता है।
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