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लेफ्टिनेंट कर्नल बनकर सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर 70 से ठगी

नबी करीम पुलिस ने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर 70 लोगों से ठगी करने के आरोप में रविवार को फर्जी लेफ्टिनेंट कर्नल और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान प्रभात राज और नारायण सिंह के...

लेफ्टिनेंट कर्नल बनकर सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर 70 से ठगी
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 04 Mar 2019 09:01 PM
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नबी करीम पुलिस ने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर 70 लोगों से ठगी करने के आरोप में रविवार को फर्जी लेफ्टिनेंट कर्नल और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान प्रभात राज और नारायण सिंह के तौर पर हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से सेना की वर्दी, हजारों की नगदी और कागजात आदि बरामद किए हैं। 

पुलिस के अनुसार, नबी करीम थाने में 3 मार्च को बिहार के गया निवासी संतोष कुमार ने धोखाधड़ी की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि बीते साल गया निवासी प्रभात राज से उसकी मुलाकात हुई थी। प्रभात ने खुद को सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बताया था। उसने कहा कि वह अपने कोटे से चार लोगों की नौकरी लगवा सकता है। इस कोटे में फिलहाल एक सीट ही खाली है। संतोष ने अपने छोटे भाई के लिए प्रभात से बात की और कई किश्तों में उसे साढ़े तीन लाख रुपये दे दिए। प्रभात ने पीड़ित के भाई को मेडिकल कराने के नाम पर बीती 16 फरवरी को दिल्ली कैंट बुला लिया, लेकिन उसने मेडिकल नहीं कराया और बहाना बनाकर चलता बना। उसने पीड़ित का फोन उठाना भी बंद कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने नबी करीम थाने में शिकायत दी। 

संदिग्ध गतिविधियों से पकड़े गए 
दरअसल, नबी करीम का इलाका होटलों से भरा है, इसलिए हाल के दिनों में उपजे तनाव को देखते हुए एसएचओ नबी करीम राम निवास की टीम होटलों की जांच कर रही थी। तभी एक होटल से पता चला कि यहां करीब 20 दिन से दो युवक ठहरे हुए हैं। दोनों दिनभर सोते हैं और रात करीब दस बजे से सुबह सात बजे तक बाहर रहते हैं। ये जब भी बाहर निकलते हैं, सेना की वर्दी में रहते हैं।

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इसके साथ ही ये लोग कमरे में आने वाले होटलकर्मियों और ऑनलाइन खाना लाने वालों को मोटी टिप भी देते हैं। इस सूचना पर एसआई महेश भार्गव की टीम ने 1 मार्च को दोनों आरोपियों प्रभात और नंदन को हिरासत में ले लिया। जांच में इनके पहचान पत्र फर्जी पाए गए। पुलिस ने इनके बारे में गांव में सूचना दी तो इन्हें पहले से ढूंढ़ रहे संतोष को भी जानकारी मिल गई। उसने नबी करीम थाने में अपनी शिकायत दी, जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। 

एनडीए में चयन नहीं हुआ तो ठगी करने लगे 
पूछताछ में मालूम हुआ कि प्रभात और नंदन सिंह दोनों बारहवीं करने के बाद एनडीए की तैयारी करने लगे। दो बार लिखित परीक्षा उत्तीर्ण भी की, लेकिन एसएसबी (साक्षात्कार) में असफल हो गए। एसएसबी के लिए इन्होंने कई कोचिंग इंस्टीट्यूट में भी दाखिला लिया था। वहां पर कई सैन्य अधिकारियों के बच्चे भी इन्हें मिले। असफल होने के बाद दोनों दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे, लेकिन जल्द ही यह सब छोड़ दिया। इन्होंने गांव में बताया था कि ये सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हो गए हैं। फिर सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर इन्होंने बक्सर, पटना, गया और नवादा इलाकों के लड़कों से ठगी की। अभी तक पुलिस को आधा दर्जन शिकायतें इनके खिलाफ मिली हैं।

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रौब के लिए कार और फौजी वर्दी 
अपने शिकार पर रौब झाड़ने के लिए प्रभात और नंदन फौजी वर्दी में रहते थे। कई बार नंदन चालक बन जाता था और शिकार को प्रभात की पहुंच के बारे में बताता था। इसके लिए इन्होंने कार भी किराए पर ले रखी थी।
 

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