उद्योग भवन में नौकरी के नाम पर फर्जी साक्षात्कार
नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक ऐसे गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है, जो उद्योग भवन परिसर में बकायदा साक्षात्कार आयोजित करता था। युवाओं का साक्षात्कार, परीक्षा और जीटीबी अस्पताल में मेडिकल...
नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक ऐसे गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है, जो उद्योग भवन परिसर में बकायदा साक्षात्कार आयोजित करता था। युवाओं का साक्षात्कार, परीक्षा और जीटीबी अस्पताल में मेडिकल कराकर फर्जी नियुक्ति पत्र घर भेज देते थे।
मेरठ के तीन बेरोजगार लड़कों की शिकायत पर पुलिस ने सलाउद्दीन और राकेश कश्यप नामक युवकों को गिरफ्तार किया है। सलाउद्दीन पर निहाल विहार में भी ठगी का मामला दर्ज है। मेरठ निवासी सुनील ने साउथ एवेन्यू थाने में ठगी की शिकायत दी थी। उसने बताया कि वह, उसकी बुआ का बेटा राहुल और मामा का बेटा दिनेश प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। दिनेश ने तीन माह पहले बताया कि उद्योग भवन में क्लर्क पद के लिए कोई व्यक्ति 4 लाख रुपये मांग रहा है। तीनों उद्योग भवन में राजवीर नामक शख्स से मिले। उसने खुद को मंत्रालय में क्लर्क बताया और कहा कि इस्पात मंत्रालय में पांच पदों पर भर्ती होनी है। राजवीर ने उनसे फॉर्म भरने की बात कहकर बतौर पेशगी 50-50 हजार रुपये ले लिए। एक सप्ताह बाद उन्हें फोन करके उद्योग मंत्रालय में साक्षात्कार के लिए बुलाया। राजवीर तीनों को गेट नंबर 12 के रास्ते पूछताछ कक्ष में ले गया। वहां बैठे एक शख्स ने खुद को अंडर सेक्रेटरी श्रीकांत बताया, जबकि दूसरे शख्स ने खुद को उनका चपरासी बताया।
तीनों युवकों ने राजवीर को 50-50 हजार रुपये दिए
उसने युवकों के दस्तावेज देखे और उनका साक्षात्कार लिया। इस मुलाकात में भी तीनों युवकों ने राजवीर को 50-50 हजार रुपये दिए। कुछ दिन बाद उन्हें उद्योग भवन बुलाया गया। वहां स्वागत कक्ष पर उनकी परीक्षा ली गई। फिर 50-50 हजार रुपये लिए गए। 15 दिन बाद जीटीबी अस्पताल में मेडिकल कराया गया। वहां भी उनसे 50-50 हजार रुपये लिए गए। तीन दिन बाद उन्हें बताया गया कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट ठीक है। बाद में कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए बुलाया गया। इस बार भी उनसे 50-50 हजार रुपये लिए गए। उन्हें बताया गया कि 15 दिन के भीतर घर पर नियुक्ति पत्र आ जाएगा। तब पूरे रुपये देने होंगे। 12 जुलाई को उनके घर नियुक्ति पत्र पहुंचा, जिसमें 18 जुलाई को उन्हें बुलाया गया था।
सीआईएसएफ ने सुराग पर आरोपियों को पकड़ा
तस्वीर की मदद से सीआईएसएफ के जवान आरोपियों पर ध्यान रख रहे थे। बीते 1 अगस्त को आरोपी वहां आए। उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी, लेकिन पुलिस के आने तक आरोपी जा चुके थे। 4 अगस्त को फिर दोनों आरोपी आए तो सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया और इसकी जानकारी पुलिस को दी। दोनों आरोपी नाम बदलकर ठगी कर रहे थे।
मोबाइल से तस्वीर ली
तीनों पीड़ित युवकों ने बातचीत के दौरान राजवीर का वीडियो बना रखा था। उनकी तस्वीरें भी मोबाइल से ले रखी थी। साउथ एवेन्यू थाने की पुलिस ने उद्योग भवन के सुरक्षा कर्मियों को तस्वीरें देकर आरोपियों पर नजर रखने को कहा था।
सॉफ्टवेयर से झांसा
उद्यागे भवन पहुंचने युवकों को झांसे में लेने के लिए आरोपी श्रीकांत ने अपने मोबाइल में एसएससी की वेबसाइट खोली। इस पर एक युवक का रोल नंबर और नाम डालने पर चयन होने की जानकारी आई। लेकिन, तीनों युवकों ने अपने नाम डाले तो कुछ नहीं हुआ।