दुनियाभर में गर्मी बढ़ाने के लिए अलनीनो अकेला कारण नहीं
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नई दिल्ली, अभिषेक झा। दुनियाभर में गर्मी बढ़ाने के लिए अलनीनो अकेला कारण नहीं है। इसके लिए ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन अधिक जिम्मेदार हो सकता है। अलनीनो की समय सीमा और उससे मौसम पर पड़ने वाले असर का आकलन कर यह जानकारी हासिल हुई है।
अलनीनो पिछले साल जून से लेकर इस साल अप्रैल तक अधिक सक्रिय रहा। इस वजह से 2023 में वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक काल से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच गया और 2024 में ही यही स्थिति देखने को मिली। हालांकि, अल नीनो इन रिकॉर्ड तोड़ने वाले तापमानों का एकमात्र कारण नहीं है। उदाहरण के लिए, नवंबर 2014 से अप्रैल 2016 तक रहा अलनीनो अधिक शक्तिशाली था। 2023-2024 के अलनीनो की तुलना में इसकी अवधी लंबी भी थी। उस दौरान भी गर्मी पड़ी थी पर 1.5 डिग्री के स्तर से अधिक गर्मी नहीं पड़ी थी। ऐसे में समझा जा सकता है कि वर्ष 2023 और 2024 में गर्मी ने जो रिकॉर्ड तोड़े, उसकी अकेली वजह अलनीनो नहीं थी, बल्कि इसके साथ ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन ने मौसम को चरम बनाया था।
2025 में भी टूट सकता है रिकॉर्ड
ब्रिटेन के मौसम विभाग ने भी पूर्वानुमान लगाया है कि 2025 संभवतः 2024 और 2023 के साथ शीर्ष तीन सबसे गर्म वर्षों में से एक हो सकता है। हालांकि, 2025 के अगस्त-अक्टूबर सीजन तक अलनीनो का कोई पूर्वानुमान नहीं है। इस सब से केवल एक ही निष्कर्ष निकलता है कि पृथ्वी उस सीमा को पार करने की ओर अग्रसर है, जिसे वैज्ञानिकों ने संभावित रूप से विनाशकारी सीमा के रूप में परिभाषित किया है।
ग्राफ : 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वृद्धि दर्शाता है डाटा
1850-1900 के औसत से 2024 में वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी (जनवरी से नवंबर तक)
वैश्विक तापमान डाटासेट तापमान में बढ़ोतरी
एनओएएग्लोबलटेंप 1.46 डिग्री सेल्सियस
हैडक्रट5 1.54 डिग्री सेल्सियस
नासा-जीआईएसटेंप 1.56 डिग्री सेल्सियस
ईआरए5 1.59 डिग्री सेल्सियस
बर्कले अर्थ 1.6 डिग्री सेल्सियस
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