अवसादग्रस्त महिला इंजीनियर तीन साल बाद परिवार से मिली
नई दिल्ली कार्यालय संवाददाता दिल्ली पुलिस ने बेहद अस्तव्यस्त हालत में मिली एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को उसके परिवार से मिलाया। महिला इंजीनियर करीब साढ़े तीन साल पहले अवसादग्रस्त हालत में घर से...
नई दिल्ली कार्यालय संवाददाता दिल्ली पुलिस ने बेहद अस्तव्यस्त हालत में मिली एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को उसके परिवार से मिलाया। महिला इंजीनियर करीब साढ़े तीन साल पहले अवसादग्रस्त हालत में घर से लापता हो गई थी। यहां तक कि परिजनों ने उसके मिलने की उम्मीद भी छोड़ दी थी। दरअसल, बुधवार दोपहर को सिविल लाइंस इलाके में एसआई प्रियंका को इलाके में ड्यूटी के दौरान एक युवती दिखाई दी। युवती का व्यवहार एक रिक्शे वाले के प्रति बेहद आक्रामक था। जब एसआई ने युवती से बात की तो वह अंग्रेजी में जवाब देने लगी। हालांकि इस दौरान युवती ने उस महिला पुलिसकर्मी पर अपशब्दों की बौछार कर दी। फिर युवती को पुलिस स्टेशन लाया गया। युवती ने अपने बारे में जब नहीं बताया तो पहचान के लिए उसके सामान की तलाशी ली गई। आधार कार्ड से मालूम हुआ कि युवती का नाम गायत्री है और विशाखापट्टनम की रहने वाली है। चूंकि उसकी मानसिक हालत खराब थी इसलिए उसे अदालत के आदेश पर इहबास में दाखिल कराया। वहीं उसके परिवार से सम्पर्क साधा गया। शुक्रवार को गायत्री को उसके परिवार को सौंप दिया गया। गायत्री की कहानी 2013 से शुरू होती है। वह बंगलोर स्थित ओरकल की कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी। वहीं पर आफिस के ही इंजीनियर से उसका प्रेम प्रसंग था लेकिन वह रिश्ता 2013 में टूट गया। इसके बाद से वह अवसाद में आ गई। फिर 2013 के दिसम्बर में अपने परिजनों से झगड़ा कर रात में घर छोड़ दिया। इसके बाद वह महीनों पैदल तमिलनाडु के विभिन्न इलाकों में घूमती रही। वहां से गायत्री विभिन्न साधनों से कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में समय बिताया। पुलिसकर्मियों से बात में उसने बताया कि 2015 में वह नेपाल भी गई थी। वह काठमांडू से सोनौली बार्डर तक का करीब पांच सौ किमी तक का सफर पैदल ही पूरा किया। वह दस दिन पहले ही दिल्ली में आई थी। इस दौरान वह गुरुद्वारों में खाना खाती और सड़क के बिस्तर बिछाकर सो जाती थी। बेहद आक्रामक एवं उग्र व्यवहार गायत्री के भाई कल्याण वेंकटेश्वर ने बताया कि उसका व्यवहार बेहद आक्रामक एवं उग्र है। घर से निकलने से पहले उसने अपने पिता के साथ मारपीट की थी। यही नहीं उसने एक बार अपने मैनेजर को भी पीट दिया था। सिविल लाइंस थाने में भी उसका व्यवहार बेहद उग्र था। बात बात में अपशब्दों की बौछार कर देती थी। बातचीत में मालूम हुआ कि गायत्री की पंजाब में गाली देने पर कुछ लोगों ने बुरी तरह से पीटा भी था। दरअसल, लोगों ने उसकी मानसिक हालत को समझे बगैर ही उसपर हमला कर दिया।