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सर्दी की आहट के साथ ही दिल्ली एनसीआर में छाई धुंध की चादर

दिल्ली एनसीआर से सटे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अक्तूबर के पहले सप्ताह में पराली जलाने की घटनाएं पिछले साल की तुलना में कम होने के बावजूद पिछले चार दिनों में पंजाब में ये घटनाएं बढ़ने से...

सर्दी की आहट के साथ ही दिल्ली एनसीआर में छाई धुंध की चादर
एजेंसी।,नई दिल्ली। Mon, 14 Oct 2019 07:02 AM
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दिल्ली एनसीआर से सटे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अक्तूबर के पहले सप्ताह में पराली जलाने की घटनाएं पिछले साल की तुलना में कम होने के बावजूद पिछले चार दिनों में पंजाब में ये घटनाएं बढ़ने से दिल्ली धुंध के घेरे में आ गई है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ कृषि मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि पिछले साल एक से आठ अक्टूबर की तुलना में इस साल दिल्ली के तीनों पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में 58 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है। 

वहीं, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में 12 अक्तूबर तक पराली जलाने की 630 घटनाएं दर्ज की गई हैं। पिछले साल इस अवधि में इनकी संख्या 435 थी। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अक्तूबर के शुरुआती आठ दिनों की तुलना में इस साल पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत, हरियाणा में 48 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 75 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। इसके बावजूद दिल्ली में 11 अक्तूबर से हवा की गुणवत्ता में गिरावट ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं को बढ़ा दिया है।

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 245 पर पहुंचा 
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नौ अक्तूबर के बाद पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से हुए इजाफे के कारण रविवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 245 पर पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 अंक के बीच सूचकांक को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी का माना जाता है।

पंजाब में23 स्थानों को चिन्हित किया गया 
इस बीच 10 अक्टबूर को नासा की उपग्रह आधारित तस्वीरों के आधार पर पंजाब में आग लगाये जाने वाले 23 स्थानों को चिन्हित किया गया था। पंजाब के कृषि सचिव एस के पन्नू ने स्पष्ट किया कि उपग्रह की तस्वीरों के आधार पर चिन्हित किये गये आग वाले स्थानों में पराली के अलावा श्मशान घाटों और कचरा घरों सहित अन्य सभी प्रकार की आग की घटनायें शामिल होती है। इसलिये उपग्रह तस्वीर में दर्शायी गए आग वाले सभी स्थानों को पराली जलाने की घटनाओं से नहीं जोड़ा जा सकता है। 

केजरीवाल ने बहुत कुछ करने की जरूरत बताई
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले चार दिन में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में तेजी से हुयी गिरावट पर दुख व्यक्त करते हुये रविवार को कहा कि प्रदूषण के मोर्चे पर अब तक की मेहनत से जो कुछ हासिल किया था, वह सब शून्य साबित हो जायेगा। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी के हवाले से केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली के लिए हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है और हम इसके लिए भरपूर कोशिश भी कर रहे हैं। लेकिन पराली जलाने से रोकने के लिये अन्य एजेंसियों को भी एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।

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15 अक्तूबर से 15 नवंबर की अवधि बेहद संवेदनशील 
पंजाब के कृषि सचिव एस के पन्नू ने 15 अक्तूबर से 15 नवंबर तक की अवधि को वायु प्रदूषण के लिहाज से बेहद संवेदनशील बताते हुये आने वाले दिनों में स्थिति को नियंत्रित करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में अक्तूबर के पहले सप्ताह तक फसल अपशिष्ट जलाने की घटनायें लगभग नगण्य रहीं। उन्होंने बेहतर निगरानी तंत्र के हवाले से दावा किया कि इस साल पराली जलाने की घटनाओं का समग्र आंकड़ा पिछले साल की तुलना में कम रहेगा। 

वायु प्रदूषण बढ़ाने वालों पर सख्त निगरानी 
मानसून की वापसी के बाद हवा की गति और तापमान में गिरावट के कारण वायु प्रदूषण के लिये जिम्मेदार पार्टिकुलेट तत्वों की वायुमंडल में मौजूदगी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पराली जलाने के अलावा वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले अन्य कारणों पर सख्त निगरानी तेज कर दी है। इसके लिये केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 47 निगरानी दल दिल्ली में और पंजाब सरकार द्वारा तैनात लगभग 6000 कर्मचारी वायु प्रदूषण रोकने के लिये निरंतर निगरानी कर रहे हैं।

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