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देश के इस गांव में गरीबों का मसीहा बना दिल्ली का यह उद्योगपति, बेघरों को भी मिला है सहारा

दिल्ली के अग्रणी उद्योगपति संजय डालमिया द्वारा संचालित डालमिया सेवा ट्रस्ट (डीएसटी) अपने गृह जिला झुंझनु के चिरावा तहसील में आने वाले एक गांव में लोगों की भलाई और उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के क्षेत्र...

देश के इस गांव में गरीबों का मसीहा बना दिल्ली का यह उद्योगपति, बेघरों को भी मिला है सहारा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 31 May 2018 05:22 PM
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दिल्ली के अग्रणी उद्योगपति संजय डालमिया द्वारा संचालित डालमिया सेवा ट्रस्ट (डीएसटी) अपने गृह जिला झुंझनु के चिरावा तहसील में आने वाले एक गांव में लोगों की भलाई और उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के क्षेत्र में बीते 14 सालों से शिद्दत से काम कर रहा है।

ट्रस्ट इस्लाइलपुर नाम के इस गांव में 2004 से ही शिक्षा, पयार्वरण, जल संरक्षण, सेहत और स्वच्छता के क्षेत्र में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रहा है। ट्रस्ट सभी क्षेत्रों, जैसे साफ-सफाई और उन्हें पीने योग्य साफ और सुरक्षित पानी की सुविधाएं दिलाने में जुटा है। बारिश के पानी को हावेर्स्टिंग टैंक में स्टोर किया जाता है, जिससे उसे रिसाइकिल कर खाना पकाने और पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

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इस गांव में डालमिया सेवा ट्रस्ट (डीएसटी) सक्रिय रूप से बच्चों को उत्थान की दिशा में काम कर रहा है क्योंकि बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं। ट्रस्ट लड़कियों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने और स्कूलों में दोपहर के भोजन का प्रबंध करने जैसी कई योजनाएं चला रहा है। इसके लिए ट्रस्ट पयार्वरण को सुरक्षित रखने के लिए पेड़ लगाने के काम में भी आगे है।

डालमिया सेवा ट्रस्ट चिरावा में साफ-सफाई और स्वच्छता के क्षेत्र में अपने हिस्से का कार्य कर स्वच्छ भारत अभियान के विचार में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है। इसके लिए ट्रस्ट उन 100 घरों में शौचालय बनवा रहा है, जहां के लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और अपने संसाधनों के दम पर शौचालय नहीं बनवा सकते। 

डीएसटी ने चिरावा में करीब 100 बेघर परिवारों के लिए घर भी बनाए हैं। समाज सेवा के ये सभी कार्यों का संचालन और प्रबंधन डालमिया सेवा ट्रस्ट की ओर से अपने संसाधनों से ही किया जाता है। उन्हें राज्य प्रशासन या किसी बाहरी एजेंसियों से किसी तरह की मदद नहीं मिलती।
 
डालमिया ट्रस्ट समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में भी प्रयास कर रहा है। संजय डालमिया की दिलचस्पी लोगों को साफ पानी मुहैया कराने और स्वच्छता एवं साफ-सफाई की दिशा में प्रभावी ढंग से काम करने और इन्हें बढ़ावा देने में हैं। 

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भारतीय सेवा समाज के सहयोग से डालमिया सेवा ट्रस्ट समाज के निर्धन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों की आंखों की विभिन्न बीमारियों और अस्थमा के इलाज के लिए मुफ्त हेल्थ कैंप भी आयोजित करता है। सेहतमंद जिंदगी जीने के लिए साफ-सफाई और स्वच्छता बेहद महत्वपूर्ण है। ट्रस्ट इस दिशा में काम कर रही है। ट्रस्ट ने अब तक 125 शौचालय बनाए हैं और गांव में 75 टॉयलेट और बनवाए जा रहे हैं। ये सारा काम मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने से पहले से ही किया जा रहा है।

डालमिया सेवा ट्रस्ट ने उल्लेखनीय योगदान करते हुए सामाजिक विकास के लिए चिरावा तहसील के इस्माइलपुर गांव को गोद लिया है। ग्रामीण विकास परियोजना के तहत ट्रस्ट ने करीब 13 बेघर परिवारों के घर बनाए हैं। ट्रस्ट इस तरह के 15-20 और घर बना रहा है।डालमिया परिवार देश की अन्य बड़ी कंपनियों और कॉरपोरेट्स से राष्ट्रीय एकीकरण के लिए आगे आने का आग्रह करता है, जिससे देश के संपूर्ण विकास के लिए सरकार और इंडस्ट्री के बीच एक रचनात्मक लिंक बन सके।

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