स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल 28 जुलाई को
दिल्ली स्टेट हेल्थ मिशन के हजारों कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हड़ताल पर गए हैं। 28 जुलाई को होने वाली सांकेतिक हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। कर्मचारियों ने...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली स्टेट हेल्थ मिशन (डीएसएचएम) के हजारों कर्मचारी लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर आए हैं। अपनी मांगों को अनसुना किए जाने से नाराज इन कर्मचारियों ने 28 जुलाई को पूरे दिन की सांकेतिक हड़ताल का फैसला किया है, जिससे दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। टीबी एम्प्लॉई वेलफेयर असोसिएशन के प्रमुख सतविंदर सिंह ने कहा कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने वाली फाइलें सरकारी दफ्तरों में धूल फांक रही हैं। हमारी मांगों को बार-बार नजरअंदाज किया जा रहा है। दिल्ली स्टेट ऑल वर्टिकल प्रोग्राम एक्शन कमिटी की नेता भावना ने भी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ खोखले वादे मिलते हैं। अब 8वां वेतन आयोग चर्चा में है, लेकिन हम 7वें वेतन के लिए अभी भी भटक रहे हैं। कमिटी ने बताया कि 21 मई को उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसे अधिकारियों के सकारात्मक जवाब के भरोसे टाल दिया गया। लेकिन जब 30 जून को भेजे गए पत्र का भी कोई जवाब नहीं मिला, लिहाजा कर्मचारियों ने हड़ताल का रास्ता अपनाने का फैसला किया है। कर्मचारियों की चार अहम मांगें, 1. डीएसएचएम कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग को तुरंत लागू किया जाए। 2. पैरामेडिकल स्टाफ के वेतन को अपडेट कर 2024-25 और 2025-26 की वेतन वृद्धि सुनिश्चित की जाए। 3. नौकरी से निकाले जाने के डर को खत्म कर कर्मचारियों की नौकरी की गारंटी दी जाए। 4. रिटायरमेंट या सेवा के दौरान मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिवार को उचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
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