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दिल्ली के सील हॉटस्पॉट पर कोरोना मरीजों को तलाशेगी दिल्ली सरकार, उठाया ये कदम

दिल्ली में कोरोना हॉट स्पॉट के लिए चिन्हित किए गए 20 इलाकों में अब स्थानीय लोगों की आवाजाही करने पर पाबंदी होगी। उस इलाके में ना तो कोई बाहर का जा सकेगा ना ही कोई अंदर से बाहर जा पाएगा। उनकी जरूरत के...

दिल्ली के सील हॉटस्पॉट पर कोरोना मरीजों को तलाशेगी दिल्ली सरकार, उठाया ये कदम
वरिष्ठ संवाददाता,नई दिल्लीThu, 09 Apr 2020 09:59 AM
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दिल्ली में कोरोना हॉट स्पॉट के लिए चिन्हित किए गए 20 इलाकों में अब स्थानीय लोगों की आवाजाही करने पर पाबंदी होगी। उस इलाके में ना तो कोई बाहर का जा सकेगा ना ही कोई अंदर से बाहर जा पाएगा। उनकी जरूरत के सारे सामान उन्हें घर पर ही उपलब्ध कराएं जाएंगे। इन सभी 20 इलाकों को सील करके पुलिस इसकी निगरानी रखेगी। इन 20 स्थानों में लुटियन दिल्ली का पहला इलाका बंगाली मार्केट बुधवार को ही जुड़ा है। वहां पर तीन कोरोना मरीज आएं है। 

सील किए जाने के बाद उस जिले की टास्क फोर्स उस इलाके की पूरी निगरानी करेगा कुल 27 सदस्यों वाली इस टीम का नेतृत्व डीएम करेंगे। वहीं उस इलाके से संबंधित सभी तरह के निर्णय भी लेंगे। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम रोजाना पीपीई पहनकर लोगों के घर-घर जाएंगे। यह पता लगाएंगे की किसी में कोरोना के लक्षण तो नहीं है। अगर किसी को कोई लक्षण मिलता है तो उसकी जांच की जाएगी। उस पूरे इलाके के सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की होगी। 

एंटी बॉडी रैपिड टेस्ट भी कराएगी सरकार 
दिल्ली सरकार कोरोना का प्राथमिक जांच कराने के लिए हॉट स्पॉट इलाके में रह रहे लोगों का एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट भी कराएगी। सरकार इसके लिए एक लाख रैपिड टेस्ट किट मंगा रही है। इस टेस्ट का परिणाम 30 मिनट में आ जाता है। प्राथमिक जांच से पता चल जाता है कि वह शख्स कोरोना संदिग्ध है की नहीं। अगर कोई संदिग्ध मिलता है तो उसकी दूसरा टेस्ट कराकर इलाज शुरू कर दिया जाता है। 

कम से कम 14 दिन सील रहेंगे इलाके
कोरोना हॉट स्पॉट चिन्हित किए जाने के बाद उन इलाकों को सील करने के बाद कम से कम 14 दिनों सरकार की निगरानी में रहेंगे। उस दौरान वहां इलाके के लोगों की जांच की जाएगी। अगर इस दौरान कोई भी नया मामला नहीं आता है तो सील हटा दिया जाएगा। अगर इस दौरान कोरोना के मामले बढ़ते है तो उसका सील करने की समयावधि बढ़ाई जा सकती है। यह एक तरह से पूरे इलाके को क्वारंटाइन करने जैसा है। 

हॉट स्पॉट इलाके में शामिल एजेंसी उनकी भूमिका
1 समायोजित डीजिज सर्विलांस प्रोग्राम
इसके तहत स्थानीय प्रशासन समन्यव का काम करता है। वह बाकी सभी जिलो, दूसरे राज्यों के साथ वहां मिले कोरोना मरीज के संपर्क में कौन है उसे बताते है। केंद्र सरकार के साथ भी वह डाटा शेयर किया जाता है। केंद्र की सारी दिशा निर्देश माने जाते जाते है। 
2. जिला टास्क फोर्स 
जिलाधिकारी के नेतृत्व में 27 लोगों की टास्क फोर्स जिले में बनाया जाता है। यही उसे इलाके से संबंधित सभी निर्णय लेती है। यही वह टीम जिसे बाकी सभी संबंधित एजेंसी जो उस इलाके में काम कर रही है वह टाक्स फोर्स के सदस्यों को रिपोर्ट करती है। 
3. स्वास्थ्य, निगम कर्मचारी
यह सील इलाके में डोर टू डोर जाकर लोगों की स्वास्थ्य की जांच करते है। किसी को खांसी, बुखार जैसी कोई तकलीफ तो नहीं है। अगर किसी में कोरोना के लक्षण है तो वह उसकी रिपोर्ट तैयार करते है। साथ ही वह लोगों कोक्वारंटाइन रहने के साथ कैसे बचाव करे उसके बारे में लोगों को बताते है। यह टीम रोजाना इलाके में जाती है। निगम इस इलाके में सफाई करने से लेकर सैनिटाइज करने का काम करते है। 
4. पुलिस
पुलिस की जिम्मेदारी है कि सील इलाके से ना तो कोई बाहर जा पाएं। ना ही कोई बाहर का आदमी अंदर जा पाएं। वह लोगों की जरूरी जरूरतों को लेकर भी ध्यान रखते है। उसकी जानकारी संबंधित विभाग को देते है। 
5. स्थानीय अस्पताल
अगर उस इलाके से अस्पताल में किसी भी तरह का कोई मरीज आता है। वह कोरोना संदिग्ध है तो उसे तुरंत स्थानी जिला प्रशासन को इसकी सूचना देनी होगी। 

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