संपादित---महिला की आत्महत्या मामले में पति बरी
नई दिल्ली की साकेत जिला अदालत ने पत्नी की आत्महत्या के मामले में पति को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि पति ने पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं किया। 2016 में पत्नी सुनीता की आत्महत्या के बाद पति...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। साकेत जिला अदालत ने पत्नी की आत्महत्या मामले में आरोपी पति को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह सोचना भी असंभव और बेतुका है कि पति ने पत्नी को इतना मजबूर किया कि उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विपिन खरब की अदालत धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ सुनवाई कर रही थी। उन्हें वर्ष 2016 में पत्नी सुनीता द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने की घटना के बाद आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने कहा कि वर्ष 1998 में विवाह के बाद से दंपती के बीच संबंध सामान्य थे और उनके दो बेटे भी हैं।
चार गवाहों ने कोर्ट में बयान दिया कि पति-पत्नी के संबंध सौहार्दपूर्ण थे।
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