नौ सीटों पर वाम दलों के उम्मीदवार ताल ठोक रहे
दिल्ली विधानसभा चुनाव में वामपंथी दलों ने नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। माकपा, भाकपा और भाकपा (माले) ने जनहित के मुद्दों जैसे रोजगार, महंगाई, स्वास्थ्य और शिक्षा पर अपने प्रचार का केंद्र बनाया...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार वामपंथी दलों ने भी नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इनमें माकपा (सीपीएम) ने दो, भाकपा (सीपीआई) ने पांच और भाकपा (माले) (सीपीआई एमएल) ने दो सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। इन दलों ने जनता से जुड़े मुद्दों, जैसे रोजगार, महंगाई, स्वास्थ्य और शिक्षा को अपने प्रचार अभियान का केंद्र बनाया है। वाम दल केरल जैसे राज्यों के अलावा अन्य राज्यों में इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहे हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली में उन्होंने नौ सीटों पर ताल ठोकी है। माकपा ने करावल नगर और बदरपुर से उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भाकपा माले ने कोंडली और नरेला से अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा सीपीआई ने भी पांच सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। भाकपा माले के दिल्ली राज्य सचिव रवि राय ने बताया कि उनकी पार्टी मजबूती से लोगों से जुड़े मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है। चुनाव प्रचार के लिए उनके बिहार और झारखंड के सांसद और विधायक भी दिल्ली आएंगे।
वाम दलों के घोषणापत्र की मुख्य बातें
- 26 हजार प्रति माह न्यूनतम मजदूरी लागू की जाएगी।
- शहरी रोजगार गारंटी के लिए कानून बनाया जाए और दस हजार मासिक बेरोजगारी भत्ता देंगे।
- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, जिसमें सभी राज्यों से आए लोगों के भाषाई और जातीय अधिकारों की पूरी सुरक्षा करेंगे।
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