पांच महीने बाद खराब हुई दिल्ली की हवा
200 अंक के ऊपर पहुंचा दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक
नई दिल्ली। संजय कुशवाहा
पहले लॉकडाउन और बाद में मानसून की वजह से दिल्ली के लोगों को मिला अच्छी हवा का तोहफा अब समाप्त होता दिख रहा है। बुधवार के दिन पांच महीने बाद दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिन भर का औसत सूचकांक 216 के अंक पर रहा। दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों का वायु गुणवत्ता सूचकांक दो सौ के अंक के ऊपर है। सफर की मानें तो अगले दो-तीन दिन यही स्थिति रहने की संभावना है।
राजधानी दिल्ली के लोगों को इस साल बेहद अच्छी हवा में सांस लेने का मौका मिला। जानकारों की मानें तो इससे पहले कभी भी सात महीने तक लगातार प्रदूषण रहित इतनी अच्छी हवा नहीं थी। हवा में हर समय धूल और धुएं का प्रदूषण मौजूद रहता था। लेकिन, इस साल मौसम और लॉकडाउन के चलते दिल्ली के लोगों को लगातार साफ-सुथरी हवा मिली। लॉकडाउन से पहले ही लगातार आने वाले पश्चिमी विक्षोभों के चलते हवा साफ रही। तीन मार्च को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में था। जबकि, इसके बाद 22 मार्च को लगाए गए जनता कर्फ्यू और 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन से हवा बेहद साफ सुथरी हो गई।
इंसानी गतिविधियों के ठप पड़ जाने से हवा में धूल और धुएं लगभग पूरी तरह से समाप्त हो गई। लेकिन, मई के महीने में राजस्थान की ओर से आने वाली धूल भरी हवाओं के चलते 18 और 19 मई को हवा खराब श्रेणी में पहुंची थी। लेकिन, यह दौर सिर्फ दो दिन रहा। इसके बाद से कोई भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब लोगों को प्रदूषण से भरी खराब हवा में सांस लेनी पड़ी हो।
300 से ज्यादा जगहों पर जल रही पराली
दिल्ली-एनसीआर के वातावरण में अब पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान के सीमावर्ती हिस्से में जलाई जाने वाली पराली का असर दिखने लगा है। केन्द्र द्वारा संचालित संस्था सफर ने छह अक्तूबर के दिन पराली जलाई जाने की 336 घटनाओं को दर्ज किया है। दिल्ली-एनसीआर की हवा में इसका असर दिखने लगा है। सफर का अनुमान है कि अगले तीन दिनों के बीच दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बना रह सकता है।
31 अगस्त का दिन सबसे साफ
इस बीच में 31 अगस्त के दिन दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा साफ-सुथरी रही। इस दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 41 के अंक पर रिकॉर्ड किया गया। बीते छह सालों में यह सबसे साफ-सुथरा दिन रहा था। इससे पहले 28 मार्च के दिन भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 के अंक पर रहा था।
वायु गुणवत्ता सूचकांक के मानकः
0 से 50 तक का सूचकांक अच्छा
51 से 100 तक का सूचकांक संतोषजनक
101 से 200 तक का सूचकांक मध्यम
201 से 300 तक सूचकांक खराब
301 से 400 तक सूचकांक बेहद खराब
401 से 500 तक का सूचकांक गंभीर
500 से ऊपर का सूचकांक आपात स्थिति
साल में अच्छी हवा वाले पांच दिन
वर्ष 2020 में अच्छी हवा वाले पांच दिन दिल्ली के लोगों को नसीब हुए। यानी इन पांचों दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 के अंक के नीचे रहा। वर्ष 2015 में ऐसा एक दिन भी नहीं आया था। जबकि, वर्ष 2016 में भी एक दिन भी अच्छी श्रेणी वाला नहीं था। वर्ष 2017 में सिर्फ दो दिन अच्छी हवा वाले थे। जबकि, वर्ष 2018 में एक दिन भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 से नीचे नहीं पहुंचा था। वहीं, वर्ष 2019 में ऐसे दो दिन थे जब वायु गुणवत्ता अच्छी श्रेणी में मौजूद थी।
हवा खराब होने के पांच कारण
- दिल्ली की हवा में पराली के धुएं के चलते बढ़ी प्रदूषक कण 2.5 की मात्रा
- हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी दिशा की तरफ से होने के चलते उधर से धुआं आ रहा
- रात के समय हवा की रफ्तार एकदम सुस्त पड़ने के चलते ज्यादा देर ठहर रहे प्रदूषक कण
- हवा की रफ्तार सुस्त पड़ी तो स्थानीय स्थानीय कारकों से पैदा होने वाला प्रदूषण भी बढ़ा रहा मुसीबत
- लंबे समय से बारिश नहीं होने के चलते मिट्टी हुई ढीली, ज्यादा उड़ रही है धूल
इन पांच जगहों की हवा रही सबसे खराब
मुंडका -313
डीटीयू -285
बवाना -269
जहांगीरपुरी -268
नरेला -261
एनसीआर
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गाजियाबाद 246
फरीदाबाद 252
ग्रेटर नोएडा 257
गुरुग्राम 194