डीडीए ने रेरा के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई
पीठ ने डीडीए की याचिका पर दिल्ली रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण और केंद्र को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली, प्र.सं.। राजधानी में रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण की ओर से अपनी आवासीय परियोजनाओं के पंजीकरण का निर्देश दिए जाने के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने डीडीए की याचिका पर दिल्ली रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) और केंद्र को नोटिस जारी किया है। पीठ ने उनसे जवाब मांगा है। वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह और अधिवक्ता वृंदा कपूर देव ने डीडीए का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने रियल एस्टेट (विनियमन व विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 3 के तहत परियोजनाओं को पंजीकृत करने का निर्देश देने वाले रेरा के 2021 के आदेश का हवाला दिया।
प्रावधान रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के साथ एक रियल एस्टेट परियोजना का पूर्व पंजीकरण निर्धारित करता है। रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण ने सितंबर, 2024 में रेरा के फैसले को बरकरार रखा था। याचिका में तर्क दिया गया कि डीडीए की ओर से दायित्वों का वैधानिक प्रयोग रियल एस्टेट अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आता है, क्योंकि यह दिल्ली विकास प्राधिकरण (आवास संपदाओं का प्रबंधन व निपटान) विनियम, 1968 और नजूल नियम, 1981 द्वारा शासित है। इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए पीठ ने अब सात जुलाई की तारीख तय की है।
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