Daughter's Day 2018: गंभीर बीमारी और गरीबी को हराकर बनीं आईएएस अफसर
उन्मुल खेर का जन्म राजस्थान के पाली जिले में हुआ। पापा बचपन में उन्हें छोड़कर दिल्ली आ गए। पांच साल की उम्र में जब वो दिल्ली पहुंचीं तो पता चला कि पापा ने दूसरी शादी कर ली है। वो...
उन्मुल खेर का जन्म राजस्थान के पाली जिले में हुआ। पापा बचपन में उन्हें छोड़कर दिल्ली आ गए। पांच साल की उम्र में जब वो दिल्ली पहुंचीं तो पता चला कि पापा ने दूसरी शादी कर ली है। वो निजामुद्दीन स्टेशन के पास झुगगी में रहते थे।
नई मां उन्मुल को बिल्कुल पसंद नहीं करती थीं। पापा ने झुग्गी के करीब एक स्कूल में उनका दाखिला करवा दिया। उन्मुल का पढ़ाई में खूब मन लगता था पर नई मां चाहती थीं कि वो घर के काम करें। अचानक एक दिन उनकी झुग्गी तोड़ दी गई। तब वो कक्षा सात में थीं। परिवार निमाजुद्दीन छोड़कर त्रिलोकपुरी बस्ती में रहने लगा। घर में भुखमरी के हालात थे। उन्मुल बस्ती के बच्चों को टयूशन पढ़ाने लगीं। पर मां उनका निकाह कराना चाहती थीं। उन्मुल राजी नहीं हुईं तो घर से निकल जाने की धमकी दी गई। उन्मुल बस्ती में किराये का घर लेकर रहने लगीं।
पढ़ाई में होशियार थीं इसलिए स्कॉलरशिप मिल गई। इस बीच उन्हें हड्डियों की बीमारी हो गई। इसके कारण हाथ-पैर में कई बार फैक्चर हो गया। लंबे समय तक व्हीलचेयर पर रहना पड़ा। पर उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। दसवीं और बारहवीं में कॉलेज टॉप किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में बीए करने के बाद जेएनयू से एमए किया। फिर सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू की और पिछले साल आईएएस अफसर बन गईं।
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