Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsCyber Attacks on India Health Education and Military Sectors Most Affected

स्वास्थ्य, शिक्षा और सैन्य क्षेत्र साइबर हमलों के सबसे अधिक शिकार

-साइबर सुरक्षा कंपनी चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज की रिपोर्ट में सामने आई जानकारी -छह

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 26 Jan 2025 06:21 PM
share Share
Follow Us on
स्वास्थ्य, शिक्षा और सैन्य क्षेत्र साइबर हमलों के सबसे अधिक शिकार

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय स्वास्थ्य, शिक्षा और सैन्य क्षेत्र साइबर हमलों के सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं। साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनी चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र साइबर हमले से सबसे अधिक प्रभावित है। इससे संबंधित प्रत्येक संगठन सप्ताह में 8,614 साइबर हमले झेलते हैं। इसके बाद शिक्षा/अनुसंधान और सरकार/सैन्य क्षेत्र हैं, जिनके प्रत्येक संगठनों को हफ्ते में 7,983 व 4,731 बार साइबर हमलों का सामना करना पड़ा।

कंपनी ने साइबर हमलों से संबंधित पिछले छह माह के डाटा का विश्लेषण किया है। ‘द स्टेट ऑफ ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी 2025 शीर्षक वाली रिपोर्ट में भारत में वर्तमान साइबर खतरे के परिदृश्य पर प्रकाश डाला गया है।

स्थिति अच्छी नहीं : पिछले छह महीनों में देश के प्रत्येक संगठन को प्रति सप्ताह औसतन 3,291 साइबर हमलों का सामना करना पड़ा, जो वैश्विक औसत 1,847 से काफी अधिक है।

रिपोर्ट में यह जानकारी भी

-58 प्रतिशत बढ़े सूचना चुराने वाले साइबर हमले

-500 जीबी बायोमेट्रिक डाटा लीक हुआ था पिछले साल मई में

-70 फीसदी से अधिक डिवाइस निजी, जो वायरस से प्रभावित हुए

-44 फीसदी की वृद्धि हो रही वैश्विक साइबर हमलों में साल दर साल

इन मैलवेयर की पहचान

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे अधिक प्रचलित मैलवेयर में दो रिमोट एक्सेस ट्रोजन (आरएटी), एक इन्फोस्टीलर (फॉर्मबुक), एक रैनसमवेयर स्ट्रेन (मेज) और एक बॉटनेट व डाउनलोडर शामिल हैं, जिनकी पहचान फेकअपडेट्स के रूप में की गई है।

हैकर एआई का उपयोग कर रहे

रिपोर्ट में कहा गया है, वर्ष 2024 में साइबर हमलों में जनरेटिव एआई का उपयोग बढ़ा है। गलत सूचना अभियानों से लेकर डीपफेक वीडियो तक और पैसे चुराने व चुनावों को प्रभावित करने के लिए जनरेटिव एआई का इस्तेमाल हुआ।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें