जमीन के बदले नौकरी घोटाला : तीन अन्य आरोपियों को जारी किया समन
राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में तीन आरोपियों को समन जारी किया है। इस मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और कारोबारी अमित कटियार शामिल हैं। ईडी ने 600...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में तीन अन्य आरोपियों को समन जारी किया है। मामला पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव तथा कारोबारी अमित कटियार से जुड़ा हुआ है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने मुस्तकीम अंसारी, लाल बाबू चौधरी और राजेंद्र सिंह को समन जारी किया। अदालत ने यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दायर पूरक आरोपपत्र पर विचार करने के बाद दिया। मामले की सुनवाई 13 अक्तूबर से रोजाना आधार पर दस्तावेजों की जांच के लिए सूचीबद्ध की गई है।
इससे पहले अदालत 16 आरोपियों को पहले ही समन जारी कर चुकी है, जिनमें लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं। अदालत ने ईडी को आरोपियों के संशोधित मेमो दाखिल करने और पूरक आरोपपत्र की कॉपियां तथा अविश्वसनीय दस्तावेजों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही लालू प्रसाद यादव से संबंधित अभियोजन स्वीकृति की कॉपियां भी आरोपियों को देने के आदेश दिए गए हैं। सितंबर 2024 में अदालत ने लालू प्रसाद यादव, उनके दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव सहित कई अन्य व्यक्तियों को भी समन जारी किया था। तेज प्रताप यादव का यह पहला समन भूमि घोटाले से जुड़ा था, जबकि ईडी ने उन्हें आरोपपत्र में नामजद नहीं किया था। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि वर्ष 2006-07 में कारोबारी अमित कटियार ने एके इंफो सिस्टम नामक कंपनी बनाई, जिसके जरिए आईटी डाटा एनालिसिस का दावा किया गया, लेकिन असल में कोई कारोबार नहीं हुआ। कंपनी के जरिए कई जमीनें खरीदी गईं, जिन्हें बाद में वर्ष 2014 में मात्र एक लाख रुपये में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम कर दिया गया। जांच एजेंसी ने बताया कि इस घोटाले में सात जमीनों के सौदे संदिग्ध हैं। इनमें से कुछ राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा भारती के नाम पर भी थीं। मार्च 2024 में ईडी ने दिल्ली-एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में 24 जगह छापेमारी की थी, जिसमें एक करोड़ रुपये नकद, विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने की ईंट, 1.25 करोड़ रुपये कीमत के गहने और कई संपत्ति संबंधी दस्तावेज जब्त किए गए थे। ईडी का कहना है कि अब तक की जांच में लगभग 600 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियों और लेन-देन का पता चला है। इनमें करीब 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां और 250 करोड़ रुपये के लेन-देन बेनामी खातों के जरिए किए गए। एजेंसी का आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव के परिवार ने गरीब उम्मीदवारों से रेलवे की ग्रुप-डी नौकरियों के बदले में सस्ती जमीनें लीं और बाद में उन्हें करोड़ों रुपये में बेचकर भारी मुनाफा कमाया। कई मामलों में इन रकम का बड़ा हिस्सा तेजस्वी यादव के खातों में स्थानांतरित हुआ।
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