सख्त हुआ निगम, बेसमेंट में प्रवेश और निकास द्वार जरूरी
:::निर्देश::: - नालों और फुटपाथ से हटेगा अतिक्रमण - सफाई में सुपर सकर मशीन का
नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद नगर निगम लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में निगम ने बेसमेंट के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है। जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अब से बेसमेंट में अलग-अलग प्रवेश और निकासी द्वार का होना जरूरी होगा।
सर्कुलर के अनुसार, जिन इमारतों में बेसमेंट होगा, उनका सर्वेक्षण किया जाएगा। अगर कोई बेसमेंट का गलत इस्तेमाल करता हुआ मिलता है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि निगम बेसमेंट को सील भी करेगा। इसके अलावा फुटपाथ और नालों पर से अतिक्रमण हटाया जाएगा। नालों की गंदगी को सुपर सकर मशीन से साफ किया जाएगा।
पोर्टेबल पंप का इस्तेमाल होगा
जलभराव की निकासी के लिए निगम पोर्टेबल पंप का इस्तेमाल करेगा। इसके लिए ऑपरेटर भी तैनात रहेंगे। सड़कों पर खुले तारों और केबल को लेकर सर्वेक्षण किया जाएगा, जिससे कि संबंधित विभाग उचित कदम उठा सके। कुछ क्षेत्रों में जल निकासी के लिए पुराने बैरल हैं। किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए उनका निरीक्षण होगा। बदहाल शौचालय को साफ-सुथरा बनाया जाएगा।
निगम ने 25 से अधिक बेसमेंट सील किए
ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे के बाद दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में निगम 25 से ज्यादा कोचिंग सेंटर के बेसमेंट को सील कर चुका है। निगम का कहना है कि बेसमेंट के संचालन में किसी प्रकार की लापरवाही और नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोचिंग सेंटर को बेसमेंट के इस्तेमाल को लेकर तय नियमों का पालन करना होगा। निगम के लिए छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च है।
स्वीकृत योजना के अनुसार होगा इस्तेमाल
शिक्षा निदेशालय ने भी स्कूलों को बेसमेंट के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है। इसके अनुसार स्कूल इमारत में अगर कोई बेसमेंट है तो उसका उपयोग केवल मास्टर प्लान के अनुसार स्वीकृत योजना के तहत ही किया जाएगा।
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