गुजरात में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रही कांग्रेस
गुजरात में कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव में वापसी करने की योजना बना रही है। पार्टी ने नए संगठन तैयार किए हैं और राहुल गांधी सक्रिय रूप से गुजरात का दौरा कर रहे हैं। कांग्रेस ने सामाजिक संतुलन बनाने...

नई दिल्ली, सुहेल हामिद। गुजरात में कांग्रेस तीन दशक से सत्ता से बाहर है। पार्टी के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता पार्टी का हाथ छोड़कर दूसरी पार्टियों में शामिल हो चुके हैं। पर कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत से वापसी करना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस ने प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूरे प्रदेश में नए सिरे से संगठन तैयार किया है। ताकि, भाजपा को हराने की जमीन तैयार की जा सके। राहुल गांधी सक्रिय प्रदेश में पिछले चुनावों की तैयारी के मुकाबले इस बार तैयारियां कुछ अलग हैं। इसकी वजह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी है।
विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभालने के बाद राहुल गांधी लोकसभा में भाजपा को वर्ष 2027 के चुनाव में हराने की बात कह चुके हैं। इसलिए, राहुल गांधी गुजरात को लेकर गंभीर है। पिछले छह माह में राहुल गांधी पांच बार गुजरात का दौरा कर चुके हैं। पायलट प्रोजैक्ट कांग्रेस ने संगठन सृजन कार्यक्रम के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत गुजरात से करते हुए पूरे देश में गुजरात मॉडल को अपनाया है। इसके साथ पार्टी ने पहली बार जिला अध्यक्षों का दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले तीस वर्षों में पूरे देश में पहली बार इस तरह का शिविर आयोजित किया है। दूसरे राज्यों में भी ऐसे शिविर आयोजित किए जाएगें। सोशल इंजीनियरिंग संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग की भी कोशिश की है। पार्टी ने अमित चावड़ा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जबकि तुषार चौधरी को विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी सौंपी है। चावड़ा ओबीसी से है, जबकि तुषार अनुसूचित जनजाति से हैं। इसके साथ जिला अध्यक्ष की नियुक्ति में भी सभी समुदायों और वर्गों को हिस्सेदारी देते हुए संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। लड़ाई मुश्किल कांग्रेस मानती है कि गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य है। ऐसे में वर्ष 2027 का चुनाव पार्टी के लिए आसान नहीं है। पर इसके लिए पार्टी बड़े पैमाने पर लोगों के बीच जाने और उनसे जुड़े मुद्दों को उठाने की तैयारी कर रही है। ताकि, विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का भरोसा जीता जा सके। वर्ष 2022 चुनाव में भाजपा को 50 फीसदी से अधिक वोट मिले थे। वर्ष 2017 से सबक विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस वर्ष 2017 के चुनाव को आधार बनाकर अपनी रणनीति बना रही है। इन चुनाव में कांग्रेस को 77 सीट मिली थी और भाजपा 99 पर रुक गई थी। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन चुनाव में हमसे कुछ गलतियां हुई। विधानसभा चुनाव में हम इन गलतियों से सबक लेते हुए रणनीति को अमलिजामा पहनाएंगे, ताकि जीत की दहलीज तक पहुंच सके। विभाजन चुनौती गुजरात में कांग्रेस के सामने भाजपा के साथ विपक्षी वोट में बंटवारा रोकना भी बड़ी चुनौती है। वर्ष 2022 में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को करीब 33 सीट पर सीधा नुकसान पहुंचाया था। इनमें 20 सीट पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी और 13 पर आम आदमी पार्टी दूसने नंबर पर थी। दोनों पार्टियों के वोट मिलाने पर भाजपा हार सकती थी। ऐसे में भाजपा को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस को सभी को साथ लेकर चलना होगा। अलग-अलग चुनाव लड़ने से भाजपा को चुनौती देना मुश्किल है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




