Chikungunya Threat 14 4 Million at Risk Globally India Most Affected चिंताजनक::भारत में हर साल 51 लाख लोगों पर चिकनगुनिया का खतरा, Delhi Hindi News - Hindustan
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चिंताजनक::भारत में हर साल 51 लाख लोगों पर चिकनगुनिया का खतरा

भारत में हर साल 51 लाख लोग चिकनगुनिया के खतरे में हैं। एक नए अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में 1.44 करोड़ लोग इस संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया शीर्ष तीन देश हैं। चिकनगुनिया के...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 2 Oct 2025 03:40 PM
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चिंताजनक::भारत में हर साल 51 लाख लोगों पर चिकनगुनिया का खतरा

दुनियाभर में 1.44 करोड़ मच्छरों से होनेवाली इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं सबसे अधिक भारत में, इसके बाद ब्राजील और इंडोनेशिया का स्थान लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन,नागासाकी विश्वविद्यालय और सियोल स्थित अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन संस्थान के शोधकर्ताओं ने संक्रामक रोग मॉडल का पहली बार मैप बनाया है संक्रमण के नए इलाकों में फैलना सबसे बड़ी चिंता, 3.49 करोड़ लोग प्रभावित होंगे, भारत में 1.21 करोड़ नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में हर साल 51 लाख लोगों पर चिकनगुनिया का खतरा है। मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर तैयार किए गए संक्रामक रोग मॉडल का अनुमान है कि दुनियाभर में सालाना 1.44 करोड़ लोग संक्रमण के खतरे में हैं।

इसमें भारत सबसे शीर्ष पर है। इसके बाद ब्राजील और इंडोनेशिया का स्थान है। यह विश्लेषण लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन,नागासाकी विश्वविद्यालय और सियोल स्थित अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन संस्थान के शोधकर्ताओं ने किया गया है। यह शोध बीएमजे ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित हुआ है। पहली बार बीमारी के क्षेत्रों का मैप शोधकर्ताओं ने पहली बार संक्रामक रोग मॉडल का मैप बनाया है। जहां भविष्य में चिकनगुनिया संक्रमण हो सकता है। उनका दावा है कि चिकनगुनिया के मामले उन क्षेत्रों में भी फैल सकते हैं जहां वर्तमान में संक्रमण दर्ज नहीं किया जा रहा है। यदि यह वायरस नए क्षेत्रों में फैलता है, तो यह आंकड़ा दुनियाभर में 3.49 करोड़ और भारत में 1.21 करोड़ तक पहुंच जाएगा। शरीर पर लंबे समय तक प्रभाव सबसे बड़ी चिंता इस बीमारी के लंबे समय तक प्रभावों को लेकर है। अध्ययन में बताया गया है कि भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया उन शीर्ष तीन देशों में हैं जो चिकनगुनिया के क्रॉनिक (दीर्घकालिक) प्रभावों का अनुभव करेंगे। दुनियाभर में होनेवाले प्रभाव का लगभग 48% हिस्सा केवल भारत और ब्राजील वहन करेंगे। मौजूदा साक्ष्य यह भी दर्शाते हैं कि संक्रमित होने वाले लगभग 50% लोग लंबे समय के लिए दिव्यांग हो सकते हैं। 114 देशों में फैल चुकी है बीमारी चिकनगुनिया का प्रकोप स्वास्थ्य के लिए दुनियाभर में बढ़ती हुई चिंता का विषय है । 2004 में इसके फिर से उभरने के बाद से 114 से ज्यादा देशों में इसकी सूचना मिली है। वायरस से संक्रमित होने वालों में गंभीर जोड़ों का दर्द और तेज बुखार होता है। हालांकि ज्यादातर मरीज कुछ हफ्तों के बाद पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन संक्रमण से बचे 50% से ज्यादा मरीज लंबे समय तक जोड़ों के दर्द और अन्य समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। कभी-कभी ये जानलेवा भी हो सकते हैं। चिकनगुनिया होने की वजह चिकनगुनिया के फैलने में दो मुख्य मच्छर प्रजातियां शामिल हैं, जिन्हें 'वेक्टर' कहा जाता है। एडीस एजिप्टी : यह मुख्य रूप से दिन के समय काटता है। यह मच्छर डेंगू और जीका वायरस को भी फैलाता है। एडीस एल्बोपिक्टस: इसे 'एशियाई टाइगर मच्छर' के रूप में भी जाना जाता है। फिलहाल इलाज नहीं चिकनगुनिया के लिए फिलहाल कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ देशों में दो टीकों के इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है। यह अध्ययन अपनी तरह का पहला अध्ययन है जो मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके चिकनगुनिया के संक्रमण के मौजूदा आंकड़ों से इसके बोझ का अनुमान लगाता है। कैसे बचें - मच्छरों को पैदा न होने दें - घर के आसपास पानी जमा होने न दें - कूलर के पानी को रोज बदलें या उसमें मिट्टी का तेल/कीटनाशक की कुछ बूंदें डालें -घर के अंदर और बाहर उन स्थानों पर मच्छर मारने वाले कीटनाशकों का उपयोग करें -शरीर के अधिकांश हिस्से को ढंककर रखनेवाले कपड़े पहनें सबसे अधिक खतरों वाले टॉप-10 देश देश लोग खतरे में भारत 5145703 ब्राजील 1686811 इंडोनेशिया 1328264 पाकिस्तान 651742 मेक्सिको 644785 फिलीपींस 640009 थाईलैंड 336901 कोलंबिया 284242 बांग्लादेश 277034 अर्जेंटीना 237974

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