छठ के लिए गुजरात सरकार की क्या तैयारी? BJP के आरोपों पर आप का पलटवार
छठ पर्व नजदीक आते ही दिल्ली में युमना की सफाई का मुद्दा चर्चा का विषय बन जाता है। एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर बीजेपी और आप में जुबानी जंग छिड़ गई है। दोनों एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
पूर्वाचल के लोगों के लिए महापर्व छठ का बड़ा महत्व है। दिल्ली में भी पूर्वाचल के लोगों की भारी आबादी है. ऐसे में यहां भी छठ धूमधाम से मनाया जाता है। छठ नजदीक आते ही बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच यमुना की सफाई को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है। इस बार भी ये सिलसिला जारी है। एक तरफ जहां बीजेपी ने 'आप' पर हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है तो वहीं 'आप' इसे बीजेपी की गंदी राजनीति बता रही है।
दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ''दिल्ली सरकार ने 1000 जगहों पर छठ पर्व का आयोजन किया है। इसके लिए घाट खोदे जाएंगे और पानी, लाइट, टेंट और साउंड की व्यवस्था दिल्ली सरकार करेगी। लेकिन बीजेपी जिस तरह की गंदी राजनीति कर रही है, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि गुजरात में इतने सारे पूर्वांचली हैं, छठ के लिए गुजरात सरकार क्या कर रही है? उन्होंने कहा, अब जब एमसीडी में अरविंद केजरीवाल की सरकार बन गई है छठ पर्व के आयोजन के लिए हर वार्ड को 40,000 रुपये मिल रहे हैं।
बीजेपी ने क्या लगाया था आरोप
इससे पहले दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी लोगों की भावनाओं से खेल रही है। वहीं छठ से यमुना नदी में प्रदूषण फैलने का तर्क देकर आप ने अदालत से अनुरोध किया है कि युमना में छठ मनाने की इजाजत ना दी जाए। दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्य मनोज तिवारी ने इस पर कहा कि जो ऐसा कहते हैं छठ से यमुना में प्रदूषण होता है, वह मूर्ख हैं।
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