गोबर के निष्पादन के लिए लगेगा 100 टन का बायो मिथेनाइजेशन प्लांट
-गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जगह चिन्हित, केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को दी हरी...
नई दिल्ली . दिनेश वत्स गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 100 टन की क्षमता वाला बायो मिथेनाइजेशन प्लांट लगाया जाएगा। गोबर से बिजली के साथ-साथ पीएनजी और सीएनजी गैस बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। पूर्वी दिल्ली निगम ने कूड़े के निष्पादन से दूसरे जरूरी काम करने के लिए 100 करोड़ रुपये का एक प्रस्ताव कुछ माह पहले केंद्र सरकार को भेजा था। खास तौर पर गाजीपुर डेयरी फार्म से निकलने वाले गोबर को दूसरे कामों में उपयोग में लाना था। इंजीनियरिंग विभाग के सूत्रों के मुताबिक, प्रस्ताव के तहत बैटरी चालित कूड़ा ढोने वाले 114 वाहन, 20 फिक्स्ड कोमपेक्टर, सड़कों की सफाई करने वाली 7 मशीनें, 100 टन की क्षमता वाला एक बायो-मिथेनाइजेशन प्लांट आदि बनाने की योजना है। सूत्रों का कहना है कि 100 टन की क्षमता वाला बायो-मिथेनाइजेशन प्लांट विशेषतौर पर गोबर के निष्पादन के लिए लगाया जाएगा, ताकि गाजीपुर डेयरी फार्म में बंधे हजारों पशुओं से प्रतिदिन निकलने वाला गोबर का सही इस्तेमाल हो सके। नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग ने बताया कि प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के तहत 80 प्रतिशत फंड केंद्र सरकार देगी और 20 प्रतिशत फंड पूर्वी नगर निगम लगाएगा। गोबर के निष्पादन के लिए लगाया जाने वाला बायो-मिथेनाइजेशन प्लांट गाजीपुर लैंडफिल साइट पर करीब दो एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। गोबर के निष्पादन से बिजली के साथ-साथ पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और सीएनजी गैस भी बनाने की योजना पर काम किया जाएगा। अगर पीएनजी गैस तैयार की जाती है तो उसकी खपत पाइप लाइन के जरिये गाजीपुर डेयरी फार्म में रहने वाले घरों में की जा सकेगी।