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बिजनेसःःरेपो दर बढ़ाने के फैसले से अल्पकाल में घरों की मांग प्रभावित होगी

नई दिल्ली, एजेंसी। जमीन-जायदाद का विकास करने वाली कंपनियों ने बुधवार को कहा...

बिजनेसःःरेपो दर बढ़ाने के फैसले से अल्पकाल में घरों की मांग प्रभावित होगी
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 08 Jun 2022 05:50 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। जमीन-जायदाद का विकास करने वाली कंपनियों ने बुधवार को कहा कि रेपो में वृद्धि के फैसले से कर्ज महंगा होने से अल्पकाल में मकानों की मांग प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि, उन्होंने सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की मौजूदा सीमा बढ़ाने के निर्णय का स्वागत भी किया। रियल एस्टेट कंपनियों का कहना है कि इससे कर्ज की लागत बढ़ेगी और उनके लाभ मार्जिन पर असर पड़ेगा। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि इस कदम से महंगाई काबू में आएगी, जिससे इस्पात और सीमेंट जैसा कच्चा माल सस्ता होगा।

क्रेडाई (कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा, आरबीआई के नीतिगत दर बढ़ाने से मकान कर्ज महंगा होगा। इससे अल्पकाल में मांग प्रभावित हो सकती है। हालांकि, उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण 100 प्रतिशत बढ़ाये जाने का स्वागत किया।

रियल्टी कंपनियों के निकाय नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा, नीतिगत दर में वृद्धि से खासकर अल्पकाल में रिहायशी मकानों की बिक्री पर असर पड़ेगा। अबतक, कोरोना महामारी के बाद पुनरुद्धार और मजबूत धारणा के साथ कम ब्याज दर से इस क्षेत्र को गति मिल रही थी। हीरानंदानी समूह के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज बढ़ने से खरीद में आई तेजी प्रभावित होगी क्योंकि मासिक किस्त बढ़ना तय है। हालांकि, उन्होंने कहा, इसका असर अस्थायी होगा क्योंकि मकान कर्ज दीर्घकाल में 'फ्लोटिंग दर' पर आधारित होते हैं।

गौड़ समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने कहा, आरबीआई का निर्णय संतुलन बनाने के लिहाज से अच्छा है... रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि से कर्ज महंगा होगा। उन्होंने कहा, इससे ऐसे समय आवास ऋण महंगा होगा, जब रियल एस्टेट क्षेत्र महामारी के प्रकोप से बाहर आ रहा था। हालांकि, मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने से अंतत: रियल एस्टेट क्षेत्र को लाभ होगा जो कच्चे माल की ऊंची लागत से प्रभावित है।

टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय दत्त ने कहा कि सहकारी बैंकों के लिए कर्ज सीमा बढ़ाने का निर्णय सकारात्मक कदम है। इससे छोटे शहरों में आवास विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

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