बिजनेस--एंकर- महंगाई-आईआईपी के आंकड़ों से तय बाजार की दिशा
फ्लैग - वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका में ब्याज दरों पर निर्णय और कच्चे तेल से

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- वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका में ब्याज दरों पर निर्णय और कच्चे तेल से भी प्रभावित होंगे शेयर बाजार
नई दिल्ली। एजेंसी
रूस-यूक्रेन संघर्ष, ब्याज दर पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक के निर्णय और घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में अभी उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना रहेगा।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि एफओएमसी की बैठक, रूस-यूक्रेन संघर्ष इस सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण वैश्विक कारक रहेंगे। अभी रूस-यूक्रेन तनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (एफओएमसी) की बैठक के नतीजे 16 मार्च को आएंगे। मीणा ने कहा कि इन सबके बीच कच्चे तेल की कीमतें और विदेशी निवेशकों का रुख भी भारतीय बाजारों की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 मार्च को आएंगे। होली के मौके पर शुक्रवार यानी 18 मार्च को बाजार बंद रहेंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि यह कम कारोबारी सत्रों वाला सप्ताह रहेगा। सोमवार को बाजार भागीदार औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देंगे। इसी तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आने हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक के नतीजे 16 मार्च को आएंगे। इनपर सभी की निगाह रहेगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और अब निकट भविष्य में बाजार अन्य महत्वपूर्ण कारकों पर प्रतिक्रिया देगा। रूस-यूक्रेन भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति दबाव को लेकर रिजर्व बैंक की प्रतिक्रिया आदि पर अब बाजार की निगाह रहेगी। इनके अनुकूल होने तक बाजार में उतार-चढ़ाव कायम रहेगा। रुपये का उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल के दाम और विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा।
सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक इस सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं। घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़े भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
नौ कंपनियों का पूंजीकरण 1.91 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 1,91,434.41 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) रहीं। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में सिर्फ आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन नीचे आया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस और भारती एयरटेल का स्थान रहा।
एफपीआई ने मार्च में अबतक 45,608 करोड़ रुपये निकाले
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला लगातार छठे महीने जारी है। मार्च में अब तक एफपीआई ने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से 45,608 करोड़ रुपये निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दो से 11 मार्च के दौरान शेयरों से 41,168 करोड़ रुपये निकाले हैं। इसके अलावा उन्होंने ऋण या बांड बाजार से 4,431 करोड़ रुपये तथा हाइब्रिड माध्यमों से नौ करोड़ रुपये की निकासी की है। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 45,608 करोड़ रुपये रही है। यह लगातार छठा महीना है जबकि एफपीआई भारतीय बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं। एफपीआई वित्तीय और आईटी कंपनियों के शेयर बेच रहे हैं। इसकी वजह है कि एफपीआई के पोर्टफोलियो में सबसे अधिक इन्हीं शेयरों की हिस्सेदारी है।
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