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Hindi News NCR नई दिल्लीब्यूरो: यूपी के ध्यानार्थ ::: ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ाई

ब्यूरो: यूपी के ध्यानार्थ ::: ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ाई

सभी मुकदमों को एक साथ करने के लिए याचिका देने की हिंदू पक्षों को अनुमति

ब्यूरो: यूपी के ध्यानार्थ ::: ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ाई
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 11 Nov 2022 06:50 PM
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नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। वाराणसी के ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर में जिस स्थान पर शिवलिंग मिलने की बात की गई थी, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अगले आदेश तक उस क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी है।

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और सूर्यकांत और पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने ज्ञानवापी विवाद से संबंधित सभी मुकदमों को एक साथ करने के लिए वाराणसी जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की हिंदू पक्षों को अनुमति दे दी। पीठ ने सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद द्वारा दायर अपील पर हिंदू पक्षों को तीन सप्ताह के भीतर उनका जवाब पेश करने का भी निर्देश दिया। शीर्ष न्यायालय ने 17 मई को एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था जहां सर्वेक्षण में शिवलिंग मिलने की बात की गई थी।

उच्चतम न्यायालय ने 17 मई को स्पष्ट किया था कि वाराणसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वारा उस स्थान की रक्षा के लिए पारित आदेश, जहां ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था। मुसलमानों के नमाज अदा करने और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए मस्जिद तक पहुंचने के अधिकार को प्रतिबंधित नहीं करेगा। उच्चतम न्यायालय ने 20 मई को मामले को वाराणसी जिला न्यायालय में यह कहते हुए ट्रांसफर कर दिया था कि मुद्दों की संवेदनशीलता को देखते हुए एक वरिष्ठ और अनुभवी न्यायिक अधिकारी को मामले से निपटना चाहिए।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि जिला अदालत को मस्जिद कमेटी द्वारा आदेश 7 नियम 11, सीपीसी के तहत दायर आवेदनों पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करनी चाहिए। जिला न्यायालय के फैसले का इंतजार करने के लिए कोर्ट ने 21 जुलाई को मामले को 20 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दिया था। हाल ही में, जिला न्यायालय ने वाद की स्थिरता के लिए मस्जिद समिति की आपत्ति को खारिज कर दिया और कहा कि इसे पूजा स्थल अधिनियम-1991 द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया गया था। दो हफ्ते पहले वाराणसी जिला न्यायालय ने वादी द्वारा कार्बन-डेटिंग और ‘शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच के लिए दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया था।

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