प्रगति मैदान में सज गया किताबों का मेला
विश्व पुस्तक मेले के लिए प्रगति मैदान सज गया है। नौ दिन तक चलने वाले पुस्तक मेले का शनिवार को उद्घाटन किया जाएगा। मेले में इस बार देश-दुनिया के 800 से ज्यादा प्रकाशक हिस्सा ले रहा है। छह जनवरी से...
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
विश्व पुस्तक मेले के लिए प्रगति मैदान सज गया है। नौ दिन चलने वाले मेले का शनिवार को उद्घाटन किया जाएगा। मेले में इस बार देश-दुनिया के 800 से ज्यादा प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। छह जनवरी से शुरू होकर मेला 14 जनवरी तक चलेगा।
नेशनल बुक ट्रस्ट और भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) द्वारा हर वर्ष विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार मेले का यह 26वां संस्करण है। ‘पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन को इस बार पुस्तक मेले की थीम निर्धारित किया गया है। इसके चलते मेले में पर्यावरण विषय से संबंधित किताबों का विशेष तौर पर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा आत्मकथा, संस्मरण, यात्रा वृत्तांत, रचनात्मक साहित्य, बाल साहित्य आदि से जुड़ी तमाम किताबें यहां मौजूद होंगी। मेले में पुस्तक लोकार्पण, विचार-विमर्श, लेखक संवाद जैसे सौ से ज्यादा कार्यक्रम होंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति की जाएगी। शनिवार को केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर पुस्तक मेले का उद्घाटन करेंगे।
स्कूली बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगों को मिलेगा मुफ्त प्रवेश:
स्कूल यूनीफार्म (वर्दी) में आने वाले बच्चों को मेले में प्रवेश करने के लिए कोई टिकट लेने की जरूरत नहीं है। इसी प्रकार, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को भी टिकट से छूट दी गई है।
तमाम भाषाओं की किताबें मौजूद :
पुस्तक मेले में भारत की तमाम भाषाओं के अलावा दुनिया के 40 देशों के प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। 800 के लगभग प्रकाशकों द्वारा 1500 से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे। इस बार यूरोपीय यूनियन को मेहमान देश का दर्जा दिया गया है। इसलिए यूरोपीय भाषाओं की किताबें भी विशेष तौर पर देखने को मिलेंगी।
समय:
11 बजे सुबह से आठ बजे तक प्रतिदिन मेला चलेगा
प्रवेश टिकट:
मेले में प्रवेश के लिए बच्चों का टिकट 20 रुपये और वयस्कों का टिकट 30 रुपये का रखा गया है। प्रगति मैदान के गेट नंबर एक और 10 से इसे खरीदा जा सकेगा। ऑनलाइन भी टिकट खरीदे जा सकेंगे। वहीं, प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर भी पुस्तक मेले की टिकटों की खरीद की जा सकेगी।
कौन सी पुस्तकें कहां मिलेंगी :
-सामान्य व्यापार, विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी और सामाजिक विज्ञान और मानविकी की पुस्तकें हॉल नंबर आठ से 11 और झील क्षेत्र में बने हैंगर पर मिलेंगी
-हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के रचनात्मक साहित्य के स्टाल हॉल नंबर 12 व 12ए में होंगे
-बाल साहित्य और बच्चों के विषयों से जुड़ी पुस्तकें हॉल नंबर 7एफ, जी व एच में मौजूद होंगी
-विदेशी प्रकाशनों की पुस्तकें 7ए, बी व सी में मौजूद होंगी
युवाओं में तेजी से बढ़ी है किताबों की भूख
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
आज की युवा पीढ़ी में किताबों की भूख तेजी से बढ़ी है। विश्व पुस्तक मेले में आने वालों में युवाओं की तादाद सर्वाधिक होती है। युवाओं में विविध विषयों की किताबों को पढ़ने का चलन भी बढ़ रहा है। पुस्तक मेले में लगातार स्टॉल लगाने वाले हिन्दी के प्रमुख प्रकाशक भी युवाओं की बढ़ती भागीदारी की तस्दीक करते हैं।
राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक माहेश्वरी बताते हैं कि युवाओं में हाल के कुछ वर्षों में पढ़ने का रुझान तेजी से बढ़ा है। इंटरनेट जैसे माध्यम के आने के बाद अपनी पसंद की किताबों को खोजने के विकल्प भी बढ़े हैं। आज के युवाओं को आधुनिक भाषा और भावबोध वाली पुस्तकें पसंद आ रही हैं। इसके चलते प्रकाशक किताबों की प्रस्तुति पर पहले से ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। वहीं, वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी बताते हैं कि युवाओं को विषय केन्द्रित किताबें ज्यादा पसंद आ रही हैं। किसी खास विषय पर केन्द्रित कहानी, उपन्यास या आलोचना की पुस्तकें काफी लोकप्रिय हो रही हैं। पहले की तुलना में लोगों के पास अब समय की कमी है, इसलिए इधर-उधर की किताब पढ़ने की बजाय लोग अपने पसंदीदा विषय पर किताब पढ़ना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। प्रकाशन संस्थान के प्रबंधन निदेशक हरीश चंद्र शर्मा बताते हैं कि नई पीढ़ी के लोगों में विचारों को पढ़ने का चलन भी बढ़ा है। इसके चलते दार्शनिक विषयों पर लिखी गई पुस्तकें भी लोकप्रिय हो रही हैं।