जनता के हर सवाल से बचती रही दिल्ली सरकार
- सत्र में सीलिंग मसले का भी नहीं निकल पाया हल
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता
हर बात को जनता से पूछकर करने का दावा करने वाली सरकार अब आम आदमी से दूर हो गई है। यही वजह थी कि इस बार के विधानसभा सत्र में आम जनता से जुड़े मसलों के जवाब जानने के लिए सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं था। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री भी इस सत्र में मौजूद नहीं थे। यह आरोप विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने लगाए। उन्होंने कहा इस सत्र में सरकार सीलिंग मसले का भी कोई हल नहीं निकाल पाई।
विधानसभा के इस सत्र से दिल्ली के कारोबारियों को काफी उम्मीदें थी। लेकिन सरकार उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इस सत्र को केवल आरोप प्रत्यारोप के बीच में खत्म कर दिया गया। पूरे सत्र से दिल्ली से संबंधित एक भी मसले का हल नहीं निकल पाया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ठंड से मरने वाले लोगों का भी सत्र में मजाक उड़ाया और सत्ता पक्ष के विधायकों ने उन्हें कम्बल चोर करार दे दिया है। इससे आम नागरिकों को आहत करने की कोशिश की गई है।इस सत्र में विपक्ष की तरफ से बिजली- पानी जैसे मामलों को उठाने की मांग की गई थी। लेकिन तीनों ही दिन में विपक्ष के इन नोटिस को उठाने का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि खुद आम आदमी पार्टी के विधायक सदन को लेकर गंभीर नहीं थे। इस वजह से ही 67 विधायक होने के बाद भी विधानसभा में सरकार को कोरम का संकट हुआ। कोरम को पूरा करने के लिए अध्यक्ष को कोरम बैल बजानी पड़ी। इस पर खुद विधानसभा अध्यक्ष ने भी नाराजगी जाहिर की थी।