एशियाई मुक्केबाजी : लवलीना सहित चार मुक्केबाजों ने जीते स्वर्ण
अम्मान (जॉर्डन)। शुक्रवार को भारतीय मुक्केबाजी के लिए सुनहरा दिन रहा। भारतीय मुक्केबाज लवलीना...

अम्मान (जॉर्डन)। शुक्रवार को भारतीय मुक्केबाजी के लिए सुनहरा दिन रहा। भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, स्वीटी बूरा, परवीन हूडा और अल्फिया पठान ने एएसबीसी एशियाई चैंपियनशिप में अपने-अपने फाइनल मुकाबले जीतकर भारत को चार स्वर्ण पदक दिलाए।
लवलीना का तीसरा पदक : टोक्यो ओलंपिक 2020 की कांस्य पदक विजेता लवलीना ने महिलाओं के 75 किग्रा फाइनल में उजबेकिस्तान की रुजमेतोवा सोखिबा को 5-0 से हराकर सोने का तमगा हासिल किया। यह एशियाई चैंपियनशिप में लवलीना का पहला स्वर्ण है जबकि इससे पहले वह 2017 और 2021 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
स्वीटी का पहला स्वर्ण : दूसरी ओर स्वीटी (81 किग्रा) ने सोने का तमगा जीतने के लिए कजाकस्तान की गुलसाया यरजान को 5-0 से शिकस्त दी। स्वीटी ने भी एशियाई चैंपियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक हासिल किया जबकि इससे पहले वह 2015 में रजत और 2021 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
परवीन की एकतरफा जीत : विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन ने 63 किग्रा के फाइनल में जापान की किटो माइ को 5-0 के सर्वसम्मत निर्णय से हराया। परवीन राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं बन पाईं थीं लेकिन यहां उन्होंने चौथी सीड किटो को एकतरफा मात देकर सोने का तमगा हासिल किया। दोनों मुक्केबाजों ने बाउट की आक्रामक शुरुआत की। पहला राउंड हारने के बाद जापानी मुक्केबाज ने वापसी का प्रयास किया लेकिन उनके पास परवीन के अपर-कट का कोई जवाब नहीं था।
अल्फिया को लाभ : अल्फिया ने टूर्नामेंट में भारत की झोली में चौथा स्वर्ण पदक डाला। 81 प्लस भार वर्ग में इस भारतीय को फाइनल मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी जॉर्डन की इस्लाम हुसैली के अयोग्य घोषित होने के बाद स्वर्ण पदक मिला।
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मीनाक्षी को रजत : इसी बीच, मीनाक्षी ने अपनी पहली एशियाई चैंपियनशिप का समापन रजत पदक के साथ किया। महिलाओं के 52 किग्रा वर्ग के फाइनल में मीनाक्षी का सामना जापान की किनोशिता रिंका से था, जहां जापानी मुक्केबाज ने 4-1 से विजय हासिल की। मीनाक्षी पहले दौर में सुस्त नजर आईं जबकि किनोशिता ने स्फूर्ति के साथ मुक्के बरसाए। भारतीय मुक्केबाज ने दूसरे दौर के आखिरी क्षणों में अच्छी वापसी की लेकिन इससे वह पांच में से सिर्फ एक जज का निर्णय अपने पक्ष में कर सकीं।
