नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददाता
दिल्ली सरकार में जल मंत्री व दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन सत्येंद्र जैन ने कहा कि पानी जैसे महत्वपूर्ण संसाधन की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए सभी ट्रीटमेंट प्लांट को जीरो लिक्विड डिस्चार्ज बनाया जाएगा। दिल्ली अपने पड़ोसी राज्यों से पानी साझा करती है, ताकि सभी लोगों को न्यायिक रूप से पर्याप्त पानी मिल सके। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम प्रभावी तरीकों की तलाश करें।
सत्येन्द्र जैन ने शुक्रवार को चंद्रावल जल उपचार प्लांट का निरीक्षण किया। चंद्रावल जल उपचार संयंत्र के दो चरण और एक रीसाइक्लिंग इकाई है। इस दौरान उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह चरण- 1 में प्लांट की उत्पादन क्षमता तात्कालिक आधार पर 39 एमजीडी तक करे। अभी यह 35 एमजीडी है।
निरीक्षण के दौरान जल मंत्री ने पाया कि 8 एमजीडी पुनर्चक्रण इकाई काम नहीं कर रही है, उन्होंने तुरंत अधिकारी को इसे कार्यात्मक बनाने के निर्देश दिए। सत्येंद्र जैन ने कहा कि 8 एमजीडी रीसाइक्लिंग प्लांट की कार्यप्रणाली और चंद्रावल डब्ल्यूटीपी के चरण-1 की उत्पादन क्षमता में 4 एमजीडी की बढ़ोतरी से जल उत्पादन 12 एमजीडी हो जाएगा। इस 12 एमजीडी पानी से संयंत्र के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाएगी।