संसद सत्र लोकसभा ::::: संभल हिंसा सोची समझी साजिश : अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि बार-बार की खुदाई से देश का सौहार्द खो जाएगा। उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित कर उन पर हत्या का मुकदमा...

- कहा, बार-बार की खुदाई से सौहार्द और गंगा-जमुनी तहजीब खो जाएगी - जिम्मेदार पुलिस-प्रशासन के अफसरों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को सोची समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह साजिश भाईचारे को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई है। भाजपा और उसके समर्थकों को घेरते हुए उन्होंने कहा कि बार-बार की खुदाई से देश का सौहार्द, भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब खो जाएगी। उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित कर उन पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि यूपी में 13 नवंबर को उपचुनाव होने थे। फिर चुनाव की तिथि बढ़ाकर 20 नवंबर कर दी गई। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को जामा मस्जिद के खिलाफ चंदौसी की अदालत में एक याचिका डाली गई। अदालत ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर उसी दिन सर्वे के आदेश दिए और दो घंटे में सर्वे की टीम वहां पहुंच गई। मस्जिद कमेटी ने टीम का पूरा सहयोग किया। करीब ढाई घंटे टीम वहां रही। बाद में बताया गया कि सर्वे पूरा हो गया है और रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी। अगली सुनवाई 29 तारीख को थी। वहीं, 22 नवंबर को जुमे की नमाज अदा करने लोग मस्जिद पहुंचे तो पुलिस ने बैरिकेड लगा उन्हें रोक दिया। इसके बाद भी संभल के लोग शांत रहे। इसी बीच 23 की रात पुलिस ने ऐलान किया कि 24 को दोबारा सर्वे किया जाएगा। मस्जिद कमेटी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब अदालत में तारीख तय हो चुकी है, तो नया सर्वे की जरूरत क्यों पड़ रही है।
पुलिस ने निजी हथियार का किया इस्तेमाल
अखिलेश ने कहा कि फिर सर्वे शुरू होने पर मुस्लिम समुदाय ने शांति और धैर्य बनाए रखा। पर जब एक घंटा गुजरने के बाद भी सर्वे का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया, तो सवाल उठने लगे। तनाव बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके विरोध में कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। तब सिपाही से लेकर पुलिस अफसरों ने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं। पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
याचिका दायर करने वाले भी जिम्मेदार
सपा नेता ने कहा कि गोलीबारी में पांच मासूमों की मृत्यु हो गई। इनमें दो अपने घर का सामान लेने निकले थे। कहा कि संभल का माहौल बिगाड़ने में याचिका दायर करने वाले लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन के लोग जिम्मेदार हैं। जिम्मेदार अफसरों को निलंबित कर उन पर हत्या का मुकद्दमा चलाया जाए, ताकि कोई संविधान के खिलाफ काम नहीं कर सके।
दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई
अखिलेश ने कहा कि यह लड़ाई संभल की नहीं है, दिल्ली और लखनऊ की है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि जो कभी दिल्ली पहुंचते थे, जिस राह से, वही लखनऊ वाले उसी रास्ते पहुंचना चाहते हैं। इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने संभल मुद्दे पर सदन से कुछ देर के लिए वॉकआउट भी किया। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन में नारेबाजी भी की।
गिरिराज ने संभाला मोर्चा
भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अखिलेश के आरोपों पर मोर्चा संभाला। वह अपनी सीट से उठकर कुछ बोलने लगे। इस पर अखिलेश ने आपत्ति जताई। गिरिराज को अकेला पड़ता देख केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी साथ आए, पर अखिलेश ने अपनी बात जारी रखी। तकरार बढ़ती देख लोकसभा अध्यक्ष के कहने पर गिरिराज अपनी सीट पर बैठ गए, पर वह काफी नाराज नजर आए।
सपा सांसद रहे साथ
संभल पर लोकसभा में जब सपा अध्यक्ष अपनी बात रख रहे थे, तब उनकी पिछली सीट पर फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद, आजमगढ़ के सपा सांसद धर्मेंद्र यादव बैठे थे। अखिलेश का भाषण शुरू होते ही संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी पीछे आकर बैठ गए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।