एम्स ने मरीज से मांगी माफी, बनाया जाएगा सुरक्षा सेल
नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददात
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एम्स ने चिकित्सकीय लापहरवाही के मामले में अपनी गलती मान ली है। एम्स ने मरीज से लिखित में माफी मांगी है। वहीं सर्जिकल यूनिट ने इस मामले में पीड़ित महिला के पति से आगे के इलाज के लिए संपर्क किया है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि अब आने वाले समय में स्थाई सुरक्षा सेल गठित किया जाएगा, ताकि इस तरह की लापहरवाही की घटना न हो। वहीं पूरे मामले की जांच डीन वाईके गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम कर रही है। एम्स निदेशक ने चिकित्सा अधीक्षक को सुरक्षा चेकलिस्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसे एम्स में सभी ऑपरेशन थियेटर में लागू किया जाए। यह सेल मुख्यत: सेफ्टी प्रोगाम के अलावा मरीज की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगी। एम्स में विभिन्न केंद्रो और विभागों के बीच तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। मरीजों की सुरक्षा के लिए अब स्वास्थ्यकर्मियों के कैडरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। खास बात यह होगी कि अब मरीज से संबंधित डाटा को तैयार किया जाएगा। इसके अलावा मेडिकल गलतियों का भी ब्योरा तैयार किया जाएगा।
यह था मामला सहरसा की रहने वाली रेखा देवी एम्स में इलाज के लिए आई थी। सात फरवरी को उन्हें ऐनेस्थीसिया देकर पेट की जांच के लिए ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। यहां रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर को बताया गया कि मरीज को पेट दर्द की शिकायत है। पर उन्होंने फिस्टुला बना दिया जिसका इस्तेमाल गुर्दे की बीमारी से पीड़ित मरीज की डायलिसिस के लिए होता है। बाद में मरीज ने बताया कि उन्हें गुर्दा संबंधी कोई दिक्कत नहीं है। गलती होने पर अगले दिन फिर आपरेशन हुआ। मरीज का आरोप है कि जब दोबारा सर्जरी की गई तो उसे मरीज के रिकॉर्ड से गायब कर दिया गया।