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दिल्ली में राशन कार्ड पर सियासी रार: AAP और भाजपा ने साधे एक दूसरे पर निशाने

राशन कार्ड रद्द किए जाने पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर हमला बोला है। 'आप' का कहना है कि भाजपा 2.93 लाख राशन कार्ड रद्द करने पर अधिकारियों के साथ खड़ी है। इससे साफ है कि वह गरीबों की...

दिल्ली में राशन कार्ड पर सियासी रार: AAP और भाजपा ने साधे एक दूसरे पर निशाने
नई दिल्ली,वरिष्ठ संवाददाताWed, 22 Aug 2018 03:19 AM
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राशन कार्ड रद्द किए जाने पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर हमला बोला है। 'आप' का कहना है कि भाजपा 2.93 लाख राशन कार्ड रद्द करने पर अधिकारियों के साथ खड़ी है। इससे साफ है कि वह गरीबों की दुश्मन है और राशन माफियाओं के साथ मिलकर काम कर रही है। इसीलिए दिल्ली सरकार 'डोर स्टेप डिलिवरी' को लेकर काम कर रही है।

‘आप’ प्रवक्ता व विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं आश्चर्यचकित हूं की भाजपा उन अधिकारियों के साथ खड़ी है जो कि लंबे समय से खाद्य आपूर्ति विभाग में भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने उपराज्यपाल से क्यों नहीं पूछती की उन अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते जिन्होंने इन फर्जी राशन कार्ड को बनवाया। ये राशन कार्ड शीला दीक्षित सरकार के दौरान बने थे। भारद्वाज ने कहा कि अगर रद्द किए गए राशन कार्ड फर्जी हैं तो एलजी इन्हें बनाने वाले अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते? 

सौरभ ने कहा कि मैं भाजपा और उनके एलजी से यह भी पूछना चाहता हूं की जब बीते अप्रैल में दिल्ली सरकार ने राशन घोटाले को लेकर खुलासा किया था कि एक ही मोबाइल नंबर पर कई राशन कार्ड पंजीकृत हैं, तो उसपर कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने भाजपा को चैलेंज किया की सरकार ने जो सबूत दिए थे, उसपर एलजी ने क्या कार्रवाई की उसे सार्वजनिक करें।उन्होंने कहा कि ई-पोज मशीन को लेकर भाजपा बगैर वास्तविक स्थिति जाने इस तरह की बातें कर रही है। गरीब लोगों के खिलाफ बोल रही है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने फर्जी लोगों को पकड़ने के लिए बीते मार्च में ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की व्यवस्था शुरू की थी। 

लाखों नए राशन कार्ड अटके पड़े हैं 

- दिल्ली सरकार के पास एक लाख से अधिक नए राशन कार्ड के आवेदन लटके हैं।

- दिल्ली में राशन कार्ड का कोटा 72.78 लाख कार्ड का है।  

- केंद्रीय सहायता से इन दुकानों पर 2 रुपये गेंहू व 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल मिलता है।

‘हिन्दुस्तान’ ने किया था खुलासा

राजधानी दिल्ली में अमीरों के भी गरीबी वाले राशन कार्ड बना दिए गए हैं, इसे लेकर हमारे सहयोगी अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने 6 अगस्त को खुलासा किया था। एक आरटीआई के जरिए पता चला था कि दक्षिणी दिल्ली के असोला फतेहपुर बेरी में सुविधा संपन्न लोगों ने फर्जीवाड़े के जरिए अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत राशन कार्ड बनवा लिए हैं। खाद्य विभाग इस मामले की जांच भी कर रहा है। विभाग ने भी कहा है कि उसने सिर्फ अमान्य लोगों के ही राशन कार्ड रद्द किए हैं।

एक माह में आठ करोड़ का घोटाला: विजेंद्र गुप्ता

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि फर्जी राशन कार्ड की आड़ में दिल्ली सरकार घोटाला कर रही है। एक महीने में सात से आठ करोड़ का राशन घोटाला किया गया है। भाजपा जल्द ही मामले की सीबीआई जांच की मांग करेगी। गुप्ता ने आरोप लगाया कि 2.93 लाख लापता फर्जी कार्डधारकों की पैरवी मुख्यमंत्री केजरीवाल कर रहे हैं। ये कार्डधारक ई-पोस व्यवस्था लागू होने के बाद हटाए गए हैं।  गुप्ता ने कहा कि सही राशन कार्डधारकों की पहचान के लिए दिल्ली सरकर ने 1 जनवरी से यह व्यवस्था लागू की थी और 25 अप्रैल को ही हटा दिया था। इसकी वजह थी कि बायोमीट्रिक पहचान के बिना राशन मिलना बंद हो गया था। इससे राशन का फर्जीवाड़ा रुक गया। 

दिखावा कर रही आप सरकार: माकन

दिल्ली कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राशन कार्ड से लोगों के नाम काट दिए जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिखावा कर रहे हैं। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि राशन कार्ड का मुद्दा कांग्रेस की ओर से लगातार उठाया जाता रहा है। दिल्ली में कांग्रेस के शासन के समय 34 लाख लोगों के राशन कार्ड थे। आप सरकार के समय में इनकी संख्या उन्नीस लाख ही रह गई। इसमें से भी केवल पंद्रह लाख लोगों को ही राशन दिया जा रहा है। माकन ने कहा कि राशन कार्ड की दुकानों पर सामान पहुंचाने के नाम पर ली जा रही ढुलाई में भी घोटाला हो रहा है। अब दिल्ली सरकार अपनी नाकामी का जिम्मा अधिकारियों पर थोप रही है। 

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