कर्नाटक: आवासीय विद्यालय में किशोरी ने दिया बच्चे को जन्म
कर्नाटक के यादगिर में एक 16 वर्षीय छात्रा ने स्कूल के शौचालय में बच्चे को जन्म दिया। पुलिस ने 28 वर्षीय आरोपी और स्कूल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी ने छात्रा का यौन उत्पीड़न किया था।...

28 वर्षीय व्यक्ति ने किया था 16 वर्षीय छात्रा से दुष्कर्म सूचना नहीं देने पर स्कूल के अधिकारियों पर भी मुकदमा यादगिर, एजेंसी। कर्नाटक के यादगिर जिले में एक सरकारी आवासीय विद्यालय में नौवीं कक्षा की छात्रा ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया है। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना 27 अगस्त को जिले में शाहपुर तालुक स्थित विद्यालय में अपराह्न दो बजे यह घटी। जब इस छात्रा को उसकी सहपाठियों ने प्रसवपीड़ा से कराहते देखा, तब उन्होंने विद्यालय प्रशासन को इसकी सूचना दी।
प्राथमिकी के अनुसार, साढ़े 17 साल की किशोरी पूर्ण गर्भावस्था में थी। लगभग नौ महीने पहले किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। प्रारंभ में किशोरी बेहद तनाव में बताई जा रही थी। उसने घटना या इसमें शामिल व्यक्ति के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उसने अधिकारियों को केवल इतना बताया कि शौचालय में उसे पेट में दर्द हुआ और उसने वहीं बच्चे को जन्म दिया। लड़की और बच्चे दोनों को अस्पताल ले जाया गया तथा उनकी हालत स्थिर है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 28 वर्षीय व्यक्ति ने उसका शोषण किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लड़की के ठीक होने और चिकित्सकों द्वारा उसे फिट घोषित किए जाने के बाद उसे परामर्श दिया जाएगा। ताकि, पता लगाया जा सके कि क्या हुआ था और क्या वह आरोपी को जानती थी। पुलिस ने यह भी बताया कि इस घटना की सूचना उसे स्कूल प्रशासन या पीड़िता के भाई द्वारा भी तुरंत नहीं दी गई। प्रसव के तत्काल बाद पुलिस को सूचित किया गया। इस मामले में जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने शिकायत दी है। आरोपी के खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि छात्रावास वार्डन, विद्यालय के प्राचार्य, स्टाफ नर्स और पीड़िता के भाई के खिलाफ भी लड़की की गर्भावस्था के बारे में अधिकारियों को सूचित न करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। लड़की शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ से ही स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित नहीं हो रही थी। इस बीच, कर्नाटक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी (केआरईआईएस) ने विद्यार्थियों की शैक्षिक और स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी में कथित लापरवाही और कर्तव्यहीनता को लेकर प्रधानाचार्य और छात्रावास वार्डन समेत स्कूल के चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया।
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