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धारा-370 हटाने और महिला आरक्षण के लिए याद की जाएगी 17वीं लोकसभा

17वीं लोकसभा का शनिवार को आखिरी दिन था। अप्रैल-मई में आम चुनावों के बाद 18वीं लोकसभा का गठन होगा और जुलाई में संसद का बजट सत्र होगा। पीएम मोदी ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 10 Feb 2024 08:00 PM
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 धारा-370 हटाने और महिला आरक्षण के लिए याद की जाएगी 17वीं लोकसभा

इंट्रो :
17वीं लोकसभा का शनिवार को आखिरी दिन था। अप्रैल-मई में आम चुनावों के बाद 18वीं लोकसभा का गठन होगा और जुलाई में संसद का बजट सत्र होगा। पीएम मोदी ने शनिवार को सांसदों को विदाई दी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कामकाज की भी सराहना की। मोदी ने 17वीं लोकसभा के कामकाज को ऐतिहासिक बताया। इस दौरान कश्मीर से धारा 370 हटाने, नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करने, भारतीय न्याय संहिता जैसे ऐतिहासिक कानूनों के साथ कुल 222 कानून बनाने गए।

नंबर गेम :

97 फीसदी रही कुल उत्पादकता। यह पिछली पांच लोकसभाओं में सर्वाधिक

222 कानून पारित किए गए

729 गैर-सरकारी विधेयक सदन में प्रस्तुत किए गए

274 बैठकें हुईं जो 1354 घंटे चली

345 घंटे तय समय से अधिक काम किया सदन ने

387 घंटे व्यवधान की वजह से बर्बाद हुए

543 में से 540 सदस्यों ने कभी न कभी सदन की चर्चा में हिस्सा लिया

खास बातें

- संसद का कामकाज पुराने से नए भवन में स्थानांतरित किया गया

- महिलाओं का प्रतिनिधित्व अधिकतम रहा, उनकी कार्यवाही में उनकी भागीदारी भी बढ़ी

- शून्यकाल के दौरान 5568 मामले उठाए गए

- लोकसभा के दौरान 875 करोड़ की बचत हुई, जो कैंटीन की सब्सिडी खत्म करने और राज्यसभा, लोकसभा टीवी के विलय के कारण हुई

- पहली बैठक 17 जून 2019 को हुई, आखिरी बैठक 10 फरवरी 2024 को हुई

- 4663 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, जिसमें 1116 सवालों के मौखिक उत्तर दिए गए। 55889 अतारांकित प्रश्न पूछे गए

- मंत्रियों ने 26,750 पत्र सभा पटल पर रखे

- शून्य काल के अंतर्गत 5568 मामले उठाए गए जबकि नियम 377 के अंतर्गत 4869 विषय माननीय सदस्यों द्वारा उठाए गए

- मंत्रियों द्वारा विभिन्न विषयों पर 534 वक्तव्य दिए गए

- नियम 193 के अंतर्गत 12 चर्चाएं की गईं

- संसदीय समितियों ने कुल 691 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। 69 प्रतिशत से अधिक सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया।

17वीं लोकसभा के दौरान कई नवाचार भी आरंभ हुए। इनमें संसद सदस्यों के लिए ब्रीफिंग सत्र, सदस्यों को पुस्तकों की होम डिलीवरी, कार्यवाही का डिजिटलीकरण, मोबाइल ऐप, व्हाट्सएप पर सदस्यों के वीडियो फुटेज की डिलीवरी आदि प्रमुख है। इसके अलावा, पेपरलेस ऑफिस के विजन को साकार करते हुए संसदीय कामकाज में डिजिटल माध्यम का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 97 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के नोटिस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए जा रहे हैं।

- ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष

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