नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 14 साल की सजा
- पीड़िता को दिया गया 16.5 लाख का मुआवजा नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता।

- पीड़िता को दिया गया 16.5 लाख का मुआवजा नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता।
पाक्सो अदालत ने साल 2018 में 14 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती बनाने के लिए आरोपी व्यक्ति को 14 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी की गरीबी और कोई पिछला आपराधिक रिकार्ड नहीं होने वाली दलील को खारिज कर दिया है। पीड़िता को 16.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने आईपीसी और पाक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराए गए 40 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ सजा पर दलीलें सुनीं। विशेष सरकारी वकील निम्मी सिसोदिया ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि पीड़िता ने जघन्य अपराध के कारण बच्चे को जन्म दिया। फोरेंसिक रिपोर्ट ने दोषी को बच्चे का जैविक पिता साबित कर दिया है। अदालत ने कहा कि रिकार्ड के आधार से ऐसा लगता है कि वासना ने दोषी को इस हद तक काबू में कर लिया था कि उसने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया। गरीबी और आपराधिक पृष्ठभूमि सजा को कम करने वाली परिस्थितियां नहीं हैं। अदालत ने बलात्कार के लिए आरोपी को 14 साल की सजा और पीड़िता को आपराधिक रूप से डराने-धमकाने के लिए दो साल की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों सजाएं एक साथ चलने का आदेश दिया।
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