
मोबिक्विक वॉलेट से 40 करोड़ का चूना लगाने वाले पकड़े गए, कैसे किया इतना बड़ा फ्रॉड?
संक्षेप: शिकायत के अनुसार आम तौर पर जब कोई ग्राहक मोबिक्विक ऐप या क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करता है, तो धनराशि तभी व्यापारी के खाते में जमा होती है जब लेन-देन सफल होता है,लेकिन इस तकनीकी खामी के कारण, कुछ असफल लेन-देन भी व्यापारियों के खातों में सफल दिखाए जा रहे थे।
गुरुग्राम में डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक वॉलेट में आई तकनीकी खामी का फायदा उठाकर कंपनी से 40 करोड़ 22 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद 2500 संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कराकर आठ करोड़ रुपये भी जब्त कर लिए है।

12 सितंबर को मोबिक्विक की आंतरिक टीम ने अपने खातों का मिलान किया और उन्हें कुछ संदिग्ध लेन-देन मिले। इन लेन-देनों में पाया गया कि कुछ मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी की जा रही थी। शुरुआत में कंपनी को यह पता नहीं चला कि धोखाधड़ी किस तरीके से की जा रही है, लेकिन बाद में जांच करने पर एक बड़ी तकनीकी गड़बड़ी सामने आई।
शिकायत के अनुसार आम तौर पर जब कोई ग्राहक मोबिक्विक ऐप या क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करता है, तो धनराशि तभी व्यापारी के खाते में जमा होती है जब लेन-देन सफल होता है,लेकिन इस तकनीकी खामी के कारण, कुछ असफल लेन-देन भी व्यापारियों के खातों में सफल दिखाए जा रहे थे। कुछ चालाक व्यापारियों और व्यक्तियों ने इस खामी का अनुचित लाभ उठाया।
कंपनी की शिकायत पर सेक्टर-53 में पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान, पुलिस टीम ने उन सभी संदिग्ध और लाभार्थियों की जानकारी जुटाई जिनके खातों में यह रकम गई थी। इस जानकारी के आधार पर, पुलिस ने करीब 2500 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया, जिससे धोखाधड़ी की गई राशि में से आठ करोड़ रुपये जब्त किए गए।
गलत पासवर्ड डालने पर भी हो रहा था सफल लेनदेन
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्हें मोबिक्विक वॉलेट में इस तकनीकी खराबी के बारे में पता था। ऐप में किसी भी बैंक या वॉलेट में बैलेंस न होने और यहां तक कि गलत पासवर्ड डालने पर भी लेन-देन सफलतापूर्वक पूरा हो रहा था। उन्होंने जानबूझकर इस खामी का फायदा उठाकर कंपनी को धोखा दिया और अवैध तरीके से पैसा कमाया। सभी छह आरोपियों को अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पलवल और नूंह से कनेक्शन
पुलिस ने मंगलवार देर रात को छह आरोपियों को पकड़ा। अम आरोपियों की पहचान रेहान निवासी गांव रेवासन नूंह, मोहम्मद सकील निवासी हटेडा मोहल्ला पलवल, वकार यूनुस निवासी गांव कामेड़ा नूंह, वसीम अकरम निवासी गांव मरोड़ा नूंह, मोहम्मद आमिर निवासी गांव कामेड़ा नूंह, मोहम्मद अंसार निवासी गांव कामेड़ा नूंह के रूप में हुई।
राशि लौटाने के लिए शिविर
जिले में रह रहे कई लोगों के बैंक खाते मे 11-12 सितंबर को खुद ब खुद मोबिक्विक यूपीआई ऐप से आई रकम अब वापस होगी। नूंह के लघु सचिवालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कमरा नंबर 428, कॉन्फ्रेंस रूम में मंगलवार से शिविर की शुरुआत हो गई है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार यह शिविर 23 सितंबर तक चलेगा।
ऐसे पहुंचाया नुकसान
जानबूझकर ऐसे लेन-देन करवाते थे जो ग्राहक के स्तर पर असफल हो जाते थे, फिर भी वह राशि उनके खातों में जमा हो जाती थी। इस तरह कंपनी को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया, जबकि आरोपियों को अवैध रूप से लाभ हुआ। कंपनी की आंतरिक जांच में 40 करोड़ 22 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का पता चला है।
गुरुग्राम,प्रमुख संवाददाता। डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक वॉलेट में आई तकनीकी खामी का फायदा उठाकर कंपनी से 40 करोड़ 22 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद 2500 संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कराकर आठ करोड़ रुपये भी जब्त कर लिए है।
12 सितंबर को मोबिक्विक की आंतरिक टीम ने अपने खातों का मिलान किया और उन्हें कुछ संदिग्ध लेन-देन मिले। इन लेन-देनों में पाया गया कि कुछ मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी की जा रही थी। शुरुआत में कंपनी को यह पता नहीं चला कि धोखाधड़ी किस तरीके से की जा रही है, लेकिन बाद में जांच करने पर एक बड़ी तकनीकी गड़बड़ी सामने आई। शिकायत के अनुसार आम तौर पर जब कोई ग्राहक मोबिक्विक ऐप या क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करता है, तो धनराशि तभी व्यापारी के खाते में जमा होती है जब लेन-देन सफल होता है,लेकिन इस तकनीकी खामी के कारण, कुछ असफल लेन-देन भी व्यापारियों के खातों में सफल दिखाए जा रहे थे। कुछ चालाक व्यापारियों और व्यक्तियों ने इस खामी का अनुचित लाभ उठाया।
कंपनी की शिकायत पर सेक्टर-53 में पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान, पुलिस टीम ने उन सभी संदिग्ध और लाभार्थियों की जानकारी जुटाई जिनके खातों में यह रकम गई थी। इस जानकारी के आधार पर, पुलिस ने करीब 2500 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया, जिससे धोखाधड़ी की गई राशि में से आठ करोड़ रुपये जब्त किए गए।





