MCD के 12 हजार कर्मचारियों को पक्का करने के लिए 800 करोड़ का फंड तय, पार्षद निधि में बढ़ोतरी
MCD House Meet: एमसीडी सदन की बैठक में बुधवार को निगम आयुक्त अश्विनी कुमार के फरवरी में निर्धारित किए गए बजट को नेता सदन मुकेश गोयल की ओर से अंतिम रूप दिया गया।

दिल्ली नगर निगम के 12 हजार कर्मचारियों को पक्का करने के लिए 800 करोड़ रुपये के फंड को स्वीकृति दी गई। नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को अंतिम रूप देने के लिए बुधावार को बुलाई गई विशेष बैठक में सत्ता पक्ष ने संशोधित प्रस्ताव लाकर इस फंड को कर्मचारियों के लिए मंजूर किया। इससे अब निगम के 12 हजार दैनिक वेतन प्राप्त करने वाले और अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को पक्का करने व उनके पदोन्नति पर यह फंड खर्च किया जाएगा। महापौर महेश कुमार खींची ने सदन की कार्यवाही शुरू की।
12 हजार कर्मचारियों को नए मद को मंजूरी
इसके बाद नेता सदन मुकेश गोयल ने 500 करोड़ रुपये महापौर फंड में से और सड़कों के रखरखाव, मरम्मत व निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये के फंड में कटौती कर अनुबंध पर काम कर रहे 12 हजार कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नए मद को स्वीकृति दी।
कुल 800 करोड़ का फंड
इससे इन सभी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कुल 800 करोड़ रुपये के फंड का नया मद बनाया जाएगा। इस फंड को इन अनुबंधित कर्मचारियों को पक्का करने और उनके पदोन्नति होने पर उन्हें वेतन जारी होने पर इसे खर्च किया जाएगा।
200 करोड़ फंड में कटौती
इसके अलावा सड़कों के ही रखरखाव के लिए तय किए गए 200 करोड़ रुपये फंड में कटौती करते हुए इसे पार्षदों के फंड के तौर पर उपयोग में लाने के संशोधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी। इन संशोधित प्रस्तावों को बजट की विशेष बैठक में आम आदमी पार्टी के पार्षद अंकुश नारंग और प्रवीण कुमार लाए थे।
हंगामे के बीच पास हुए संशोधित प्रस्ताव
सदन की विशेष बैठक में बुधवार को नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को अंतिम रूप दिया गया। 13 फरवरी को निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने विभिन्न विभागों के फंड को तय करत 17 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया था। इसके बाद बजट को अंतिम रूप देने के लिए सदन की कई विशेष बैठकें हुईं। बुधवार को हुई विशेष बैठक में महापौर ने दोपहर 2.50 बजे के बाद सदन की कार्यवाही शुरू की।
विपक्षी पार्षदों ने की नारेबाजी
इस दौरान नेता सदन मुकेश गोयल ने कट मशोन प्रस्ताव प्रस्तुत कर बजट में कई संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किए। कट मशोन प्रस्ताव के जरिए बजट में तय किए गए फंड के प्रावधानों को घटाया व बढ़ाया जाता है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के पार्षदों ने सत्ता पक्ष को निगम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर घेरते हुए नारेबाजी की। इसमें भाजपा व कांग्रेस दोनों के पार्षद शामिल थे। इसका सत्ता पक्ष के पार्षदों ने भी जवाब दिया।
धक्का मुक्की करने का आरोप
सदन में हंगामा होने के कारण महापौर ने दस मिनट के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दिया। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर माइक खींचने और धक्का मुक्की करने के आरोप भी लगाए। इसके दस मिनट बाद महापौर फिर से सदन में पहुंचे, तब उनके आसपास सत्ता पक्ष की पूर्व महापौर व पार्षद डॉ शैली ओबरॉय और अंकुश नारंग ने घेरा बना लिया। जिससे विपक्ष दल के पार्षद उनके पास न पहुंच पाए। हालांकि, सदन में हंगामे के बीच बजट के विभिन्न संशोधन प्रस्ताव को पास किया और कुछ को स्थगित किया।
संपत्ति कर माफ करने के प्रस्ताव को दोहराया
नए वित्तीय वर्ष में दिल्ली के निवासियों को संपत्ति कर में राहत देने का प्रस्ताव फिर से दोहराया गया। सत्ता पक्ष ने 25 फरवरी को सदन की बैठक में 100 गज के मकानों का नए वित्तीय वर्ष में संपत्ति कर पूरा माफ करने का निजी सदस्य विधेयक के तौर पर प्रस्ताव लाया था। इस प्रस्ताव को बजट की विशेष बैठक में नेता सदन मुकेश गोयल ने फिर से अपने भाषण में दोहराया।
बकाया संपत्ति कर में छूट
उन्होंने कहा कि सदन में इस प्रस्ताव को पारित किया गया था। जिसके तहत निगम के अधीन आने वाले 100 गज की संपत्ति पर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संपत्ति कर माफ होगा। साथ ही, 100 से 500 गज संपत्तियों से बकाया संपत्ति कर व्यावसायिक व रिहायशी दोनों में 50 फीसदी की छूट मिलेगी।
निगम पर 14 हजार करोड़ रुपये की देनदारी
इस प्रस्ताव के क्रिन्यावन के लिए आदेश जारी किए जाएं और इस योजना को आगे भी जारी रखा जाए। इस प्रस्ताव पर निगम अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा समय में निगम पर 14 हजार करोड़ रुपये की देनदारी है। इस प्रस्ताव को लागू करने को लेकर विभिन्न वित्तीय पहलुओं पर सभी हितधारकों से परामर्श करेंगे। हालांकि, नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने इस प्रस्ताव की कानूनी वैधता पर सवाल खड़े किए हैं।
पक्ष-विपक्ष आमने-सामने
विशेष बैठक के खत्म होने के बाद महापौर महेश कुमार खींची, उपमहापौर रविंद्र भारद्वाज और नेता सदन मुकेश गोयल ने प्रेसवार्ता की। महापौर ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने दलित महापौर के साथ दुर्व्यवहार किया। भाजपा ने पिछले दो वर्षों में सदन को ढंग से चलने नहीं दिया। नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा कि निगम में कार्यरत 12 हजार दैनिक वेतन भोगी और अनुबंध कर्मचारियों को पक्का करने के लिए बजट में 800 करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था की गई।
पार्षद निधि में बढ़ोतरी
यह राशि सड़कों के रखरखाव के मद से ली जाएगी। आयुक्त ने पार्षदों को अपने वार्डों में विकास कार्य करने के लिए 75 लाख रुपये की राशि आवंटित की थी जिसमें हमारी सरकार ने 80 लाख रुपये की वृद्धि करते हुए एक करोड़ 55 लाख रुपये कर दिए हैं। साथ ही स्ट्रीट लाइट व हाई मास्ट लाइट के लिए एक करोड़ रुपये, छठ पूजा के लिए 50 लाख रुपये, महिला शौचालय के लिए 25 लाख रुपये के अतिरिक्त फंड को बजट में निर्धारित किया। बजट में संशोधित प्रस्ताव लाकर इसे मंजूरी दी गई।
महापौर फंड की CBI जांच कराएंगे: नेता विपक्ष
नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने प्रेसवार्ता कर सत्ता पर कई आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता जानबूझकर सदन को इसलिए चलाना नहीं चाहते हैं क्योंकि वह भ्रष्टाचार कर रहे हैं और इसकी चर्चा न हो सके। सत्ता पक्ष ने असंवैधानिक तरीके से बजट पास किया। महापौर के विवेकाधिकार फंड के 500 करोड़ रुपये और सड़कों के निर्माण के लिए बनाए गए 500 करोड़ रुपये के फंड का क्या-क्या उपयोग किया गया। किस-किस ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया। इसकी सीबीआई जांच कराएंगे। इस फंड को वह खर्च नहीं कर पाए, इसलिए दूसरे मदों में इस फंड को डाल रहे हैं। सत्ता पक्ष ने कर्मचारियों को पक्का नहीं किया और न ही सफाई व्यवस्था को ठीक किया।