दिल्ली में हाई क्वालिटी गांजे के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, ट्रेन में खास जगह छुपाकर बंगाल से लाते थे माल
डीसीपी ने बताया कि, ‘दोनों आरोपियों का पिछला कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और ऐप-आधारित बाइक टैक्सी चालक के रूप में काम करने की वजह से उन पर किसी को शक नहीं होता था।' इस बीच पुलिस पूरे रेलवे रूट के दौरान उनकी मदद करने वाले आरोपियों की पहचान करने की कोशिशें कर रही है।

दिल्ली पुलिस ने दो बाइक टैक्सी राइडर्स को गिरफ्तार कर गांजा तस्करी गिरोह का खुलासा किया है और आरोपियों से उच्च गुणवत्ता वाला करीब 29 किलोग्राम गांजा भी जब्त किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की। इस बारे में जानकारी देते हुए बुधवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान मंजू हुसैन (24) और रकीब मियां (24) के रूप में हुई है, जो कि ट्रेन के जरिए गांजे को पश्चिम बंगाल से दिल्ली तक लेकर आते थे और इस छुपाने के लिए बेहद खास तरीके का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी गांजे को ट्रेन के पैंट्री कार (रसोई यान) में सामान के साथ छुपाकर लाते थे।
पुलिस के अनुसार उसने नौ जून को द्वारका के सेक्टर 18 में BSES कार्यालय के पास छापेमारी करते हुए 24 साल के मंजू हुसैन और इतनी ही उम्र के रकीब मियां को पकड़ा और उनके पास से सामान में छुपाकर रखा गया कुल 28.781 किलोग्राम गांजा बरामद किया।
आरोपियों के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित सिंह ने बताया कि 'दोनों आरोपी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के रहने वाले हैं और फिलहाल नोएडा के सरफाबाद इलाके में रह रहे थे। वे यहां बाइक टैक्सी राइडर के रूप में काम कर रहे थे।'
अधिकारी ने आगे कहा, ‘दोनों आरोपी एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा हैं, जो पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से भारी मात्रा में गांजे की तस्करी करते थे। वे इसे सामान में छिपाकर लंबी दूरी की ट्रेनों की पेंट्री कारों के जरिए दिल्ली-एनसीआर में लाते थे।’
अधिकारी ने बताया कि 9 जून को खुफिया इनपुट मिलने के बाद दोनों को गांजे से भरे दो भारी बैगों के साथ गिरफ्तार किया गया। यह प्रतिबंधित पदार्थ स्थानीय खरीदारों को, खासतौर पर नोएडा और उत्तम नगर जैसे इलाकों में सप्लाई किया जाता था। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर द्वारका उत्तर पुलिस स्टेशन में NDPS एक्ट के तहत एक केस दर्ज किया गया है, और सिंडिकेट के शेष सदस्यों का पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है, जिसमें पैंट्री कारों में प्रतिबंधित सामान रखने वाले और दिल्ली-एनसीआर में बैठे रिसीवर शामिल हैं।
शुरुआती पूछताछ में पता चला कि आरोपी पहली बार नशीले पदार्थों की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई। डीसीपी ने कहा, 'इनका साफ-सुथरा आपराधिक रिकॉर्ड और ऐप-आधारित बाइक टैक्सी राइडर के रूप में काम करने की वजह से उन पर किसी को शक नहीं होता था।'
पुलिस के अनुसार यह बरामदगी मई में हुई एक अन्य महत्वपूर्ण जब्ती के कुछ सप्ताह बाद हुई है, जब इसी टीम ने करीब 177 किलोग्राम गांजा बरामद किया था और द्वारका उत्तर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक अलग मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।