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दिल्ली में डेंगू-मलेरिया के बीच फेफड़ों में संक्रमण का संकट बढ़ा, कितना घातक है H3N2 वायरस

दिल्ली में डेंगू-मलेरिया के बीच फेफड़ों में संक्रमण का संकट बढ़ा, कितना घातक है H3N2 वायरस

संक्षेप: दिल्ली में इन दिनों डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के अलावा इन्फ्लूएंजा ए (एच3एन2) वायरस का भी संक्रमण फैला हुआ है। इस वायरस के कारण मरीजों को फेफड़े में संक्रमण के अलावा सांस लेने में परेशानी हो रही है।  

Tue, 9 Sep 2025 10:14 AMPraveen Sharma हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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राजधानी दिल्ली में इन दिनों डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के अलावा इन्फ्लूएंजा ए (एच3एन2) वायरस का भी संक्रमण फैला हुआ है। इस वायरस के कारण मरीजों को फेफड़े में संक्रमण के अलावा सांस लेने में परेशानी हो रही है। इस वायरस के संक्रमण के कारण ओपीडी में करीब 50 प्रतिशत मरीजों की वृद्धि हुई है। वैसे तो यह वायरस स्वाइन फ्लू (एच1एन1) से कम खतरनाक है। फिर भी बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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आकाश सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. अक्षय बुधराजा ने बताया कि पिछले दो-तीन सप्ताह से एच3एन2 के मामले अधिक देखे जा रहे हैं। तेज बुखार, गले में दर्द, खराश, खांसी और जुकाम जैसी समस्या के साथ मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।

निमोनिया होने का भी खतरा : सामान्य तौर पर पांच दिन में मरीज ठीक हो रहे हैं, लेकिन इससे निमोनिया होने का खतरा रहता है। कुछ बुजुर्गों, बच्चों व पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों में निमोनिया की समस्या देखी भी जा रही है। इस वजह से कई मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है।

बचाव को लगवा सकते हैं टीका

डॉ. बॉबी भालोत्रा ने बताया कि फ्लू का टीका हर वर्ष नया आता है। इस बार भी डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देश के अनुसार, नया टीका जुलाई में उपलब्ध हो गया है। इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए यह टीका लगाया जा सकता है। बच्चों, बुजुर्गों व पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को यह टीका जरूर लेना चाहिए।

ये हैं लक्षण

गंगाराम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. बॉबी भालोत्रा ने बताया कि बीमारियों से पीड़ित लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे लोगों को एच3एन2 का संक्रमण होने पर निमोनिया हो सकता है। डायबिटीज, कैंसर सहित पुरानी बीमारियों से पीड़ित ऐसे कई मरीज देखे गए, जिन्हें एन3एन2 का संक्रमण होने से निमोनिया हुआ और ऑक्सीजन सपोर्ट भी देना पड़ा। ऐसे में तेज बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी, छाती में जकड़न या दर्द हो तो उसे नजरअंदाज न करें।

बचने के लिए ये उपाए करें

● खांसी जुकाम होने पर परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रहें, मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।

● गले में खराश व दर्द होने पर गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करें।

● सांस लेने में परेशानी हो तो डॉक्टर को दिखाएं।

Praveen Sharma

लेखक के बारे में

Praveen Sharma
प्रवीण शर्मा लाइव हिन्दुस्तान में स्टेट टीम का हिस्सा हैं। एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे प्रवीण साल 2014 में डिजिटल पत्रकारिता में आने से पहले प्रिंट मीडिया में भी काम कर चुके हैं। प्रवीण ने अपने करियर की शुरुआत हरिभूमि अखबार से की थी और वर्ष 2018 में लाइव हिन्दुस्तान से जुड़े। प्रवीण मूलरूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के निवासी हैं, लेकिन इनका जन्म और स्कूली शिक्षा दिल्ली से हुई है। हालांकि, पत्रकारिता की पढ़ाई इन्होंने हरियाणा के हिसार स्थित गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय से की है। वह दिल्ली-एनसीआर की सियासी घटनाओं के साथ ही जन सरोकार से जुड़ी सभी छोटी-बड़ी खबरों पर भी पैनी नजर रखते हैं। और पढ़ें
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