
कैसे एयरफोर्स के अधिकारी के ईमेल ने खोली चैतन्यानंद की पोल? सामने आई काली करतूत
संक्षेप: दिल्ली के वसंत कुंज में एक निजी संस्थान के चेयरमैन स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर 17 से अधिक छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। ये पूरा कांड एयरफोर्स ऑफिसर के ईमेल से खुला।
दिल्ली के वसंत कुंज में एक निजी मैनेजमेंट संस्थान के चेयरमैन और स्वयंभू संत स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ डॉ. पार्थसारथी की घिनौनी हरकतें सामने आई हैं। कर्नाटक के श्रींगेरी स्थित श्री शारदा पीठम से संबद्ध इस संस्थान में पढ़ने वाली 17 से अधिक छात्राओं ने स्वामी पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने स्वामी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन यह बाबा अभी फरार है। चैतन्यानंद के काले कांड भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी के ईमेल से सामने आए।
छात्राओं की शिकायत ने खोली पोल
यह सनसनीखेज मामला तब उजागर हुआ, जब श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की एक पूर्व छात्रा ने 28 जुलाई को संस्थान को पत्र लिखकर स्वामी की करतूतों का खुलासा किया। इसके कुछ ही दिनों बाद, भारतीय वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन ने ईमेल भेजकर बताया कि कई छात्राओं ने स्वामी के मनमाने व्यवहार और उत्पीड़न की शिकायत की है। ग्रुप कैप्टन ने बताया कि स्वामी रात के समय छात्राओं को आपत्तिजनक व्हाट्सएप मैसेज भेजता था।
इसके बाद संस्थान की गवर्निंग काउंसिल ने 3 अगस्त को 30 से अधिक छात्राओं के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में कई छात्राओं ने स्वामी के खिलाफ यौन उत्पीड़न, अभद्र भाषा और अनचाहे शारीरिक स्पर्श के आरोप लगाए। चौंकाने वाली बात यह है कि संस्थान की तीन महिला कर्मचारी, जिनमें एक एसोसिएट डीन भी शामिल हैं, स्वामी का साथ दे रही थीं और छात्राओं को उनकी हरकतों को नजरअंदाज करने का दबाव बना रही थीं।
फर्जी नंबर प्लेट का भी खेल
पुलिस जांच में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ। स्वामी के पास एक वॉल्वो कार थी, जिस पर फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी थी। यह कार संस्थान के बेसमेंट में मिली। पुलिस ने इसके लिए अलग से मामला दर्ज किया है। डीसीपी साउथवेस्ट अमित गोयल ने बताया, 'हमने 25 अगस्त को दो मामले दर्ज किए हैं, एक यौन उत्पीड़न के लिए और दूसरा फर्जी नंबर प्लेट के लिए। हम स्वामी की तलाश कर रहे हैं।'
संस्थान ने बनाई दूरी
कर्नाटक के श्रींगेरी स्थित श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम ने स्वामी से दूरी बनाते हुए एक बयान जारी किया है। पीठम ने साफ कहा कि उनका स्वामी से कोई लेना-देना नहीं है। यह संस्थान देश के नौ राज्यों में आश्रम और शैक्षणिक संस्थान चलाता है और दिल्ली का यह संस्थान पोस्टग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स ऑफर करता है।
पहले भी विवादों में रहा स्वामी
यह पहली बार नहीं है जब स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती विवादों में घिरे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 2009 में डिफेंस कॉलोनी थाने में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ था। इसके अलावा, 2016 में वसंत कुंज थाने में भी उनके खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज की गई थी। फिर भी, स्वामी अब तक गिरफ्तारी से बचे हुए हैं।
छात्राओं ने दी गवाही
पुलिस ने जांच के दौरान 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए, जिनमें से 17 ने स्वामी के खिलाफ अभद्र भाषा, अश्लील मैसेज और अनचाहे शारीरिक स्पर्श के आरोप लगाए। ये सभी छात्राएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) या सशस्त्र बलों के अधिकारियों के परिवारों से हैं, जो स्कॉलरशिप के तहत संस्थान में पढ़ रही थीं। इन छात्राओं ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराए हैं।
कानूनी कार्रवाई शुरू
पुलिस ने वसंत कुंज नॉर्थ थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, इशारा या कार्य) और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने फर्जी नंबर प्लेट वाली कार को जब्त कर लिया है और स्वामी की तलाश में छापेमारी कर रही है।





