
गुरुग्राम में प्लॉट के नाम पर लोगों से पैसे लेकर श्रीलंका में होटल कारोबार में लगा दिया, ED की चार्जशीट में दावा
संक्षेप: गुरुग्राम स्थित एक रियल्टी ग्रुप ने घर खरीदारों से आवासीय प्लॉट देने के नाम पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम वसूली। ग्रुप ने उन्हें धोखा दिया और इस रकम में से लगभग 205 करोड़ रुपए श्रीलंका में एक होटल परियोजना के लिए डायवर्ट कर दिए। ईडी ने चार्जशीट में यह आरोप लगाया है।
गुरुग्राम स्थित एक रियल्टी ग्रुप ने घर खरीदारों से आवासीय प्लॉट देने के नाम पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम वसूली। ग्रुप ने उन्हें धोखा दिया और इस रकम में से लगभग 205 करोड़ रुपए श्रीलंका में एक होटल परियोजना के लिए डायवर्ट कर दिए। ईडी ने चार्जशीट में यह आरोप लगाया है।

ईडी देश भर में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत घर खरीदारों से जुड़ी धोखाधड़ी के कई मामलों की जांच कर रही है। एनसीआर में इनसे जुड़े कई मामले दर्ज किए गए हैं। यह विशेष जांच कृष रियलटेक नामक एक रियल्टी कंपनी, उसके प्रमोटर अमित कत्याल और कुछ अन्य लोगों से संबंधित है।
अमित कत्याल को ईडी ने 2023 में रेलवे के कथित जमीन के लिए नौकरी घोटाले से जुड़े एक अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इसमें राजद प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे।
ईडी के गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने जुलाई में समूह और उसके प्रमोटरों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। स्थानीय पीएमएलए कोर्ट ने 19 अगस्त को आरोपियों को नोटिस जारी किया था। ईडी की जांच में आरोपी अमित कत्याल द्वारा प्लॉट खरीदारों को अपनी परियोजनाओं के बदले प्लॉट बुक करने के लिए लुभाकर धोखाधड़ी करने की गतिविधियां पाई गई हैं।
ईडी ने एक बयान में कहा कि कात्याल की समूह कंपनी ने कानून के तहत जरूर वैध लाइसेंस के बिना ही 400 से ज्यादा ग्राहकों से 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम इकट्ठा की। इस कथित धोखाधड़ी से अर्जित आय को कत्याल और उनके व उनके परिवार के लोगों के स्वामित्व वाली अन्य फर्जी कंपनियों के निजी खातों में भेज दिया गया। आरोपी ने ऐसी फर्जी कंपनियों में डमी निदेशक नियुक्त किए और उनके पास विभिन्न अचल संपत्तियां थीं।
ईडी ने आरोप लगाया कि घर खरीदारों से इकट्ठा की गई 205 करोड़ रुपए की राशि को महादेव इंफ्रास्ट्रक्चर नामक एक फर्जी कंपनी के माध्यम से श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक रियल एस्टेट-सह-होटल परियोजना के लिए डायवर्ट किया गया था।
ईडी के अनुसार, इस धनराशि का कुछ हिस्सा गुड अर्थ प्राइवेट लिमिटेड, द वन ट्रांसवर्क्स स्क्वायर प्राइवेट लिमिटेड (श्रीलंका की कंपनी), हेवन ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड जैसी कुछ कथित मुखौटा कंपनियों और प्रमोटरों के परिवार के लोगों और उनके कर्मचारियों के नाम पर संपत्तियां, जमीन और फ्लैट खरीदने में भी इस्तेमाल किया गया।
जांच में यह भी पाया गया कि सेंट किट्स एंड नेविस की नागरिकता लेने वाला कात्याल का बेटा श्रीलंका स्थित संपत्तियों पर स्वामित्व का दावा कर रहा है। ईडी का यह मनी लॉन्ड्रिंग मामला दिल्ली पुलिस और गुरुग्राम पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की एफआईआर से उपजा है।
एजेंसी ने पिछले साल इस मामले में छापेमारी की थी और श्रीलंका में रियल्टी प्रोजेक्ट, गुरुग्राम के सेक्टर 63, 65 और 70 में जमीनों के अलावा दिल्ली में कुछ अचल संपत्तियों को भी जब्त किया था। ईडी ने कहा कि कत्याल का कभी भी खरीदारों को प्लॉट सौंपने का इरादा नहीं था। खरीदारों से गुरुग्राम में 70 एकड़ जमीन पर प्लॉट देने का वादा किया गया था, जिसकी कीमत मौजूदा बाजार दरों के अनुसार 2000 करोड़ रुपए है।





