
अच्छी खबर! दिवाली से पहले चमकेगा गुरुग्राम, जानिए क्या चल रही तैयारियां
संक्षेप: गुरुग्राम नगर निगम ने त्योहारों के मौसम को देखते हुए दीवाली से पहले शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एक विशेष सफाई अभियान शुरू किया है, जिसमें चार हजार सफाई कर्मचारी प्रमुख सड़कों, गलियों और कूड़ा घरों से गंदगी हटाने का काम करेंगे।
त्योहारों के मौसम को देखते हुए गुरुग्राम नगर निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर कमर कस ली है। दीवाली से पहले चार हजार कर्मचारी शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एक विशेष अभियान में जुटेंगे।

निगम की योजना के तहत पूरे शहर की सड़कों और प्रमुख कूड़ा घरों से गंदगी को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। सफाई कर्मचारी मुख्य सड़कों के किनारे जमी मिट्टी और पुरानी गंदगी को हटाएंगे। इससे सड़कों पर धूल का स्तर कम होगा और हवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। सभी कूड़ा घरों को चारों तरफ से कवर किया जा रहा है। पुराने गुरुग्राम में अभी भी लगभग सौ फीसदी घरों से कूड़ा एकत्रित नहीं हो पा रहा है। निगम ने ऐसे में पुराने गुरुग्राम के छूटे हुए क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने पर जोर दिया है।
गुरुग्राम के निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि दीवाली से पहले शहर को साफ करने का लक्ष्य रखा है। निगम के सभी सफाई कर्मचारी और एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वह दीवाली से पहले शहर की गलियों और सड़कों को पूरी तरह से साफ कर दें। सफाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लोगों से भी अपील है कि वह इधर-उधर कूड़ा नहीं फेंके।
अभियान से ये फायदे होंगे
- स्वच्छ दिवाली: सड़कों और गलियों की पूरी तरह सफाई होने से लोग स्वच्छ वातावरण में त्योहार मना सकेंगे।
- बीमारी से बचाव: कूड़ा घरों के ढके जाने और नियमित सफाई से मच्छरों और मक्खियों का प्रकोप कम होगा।
- बेहतर वायु गुणवत्ता: रोड के किनारे की मिट्टी हटने से प्रदूषण का स्तर घटेगा।
- सौंदर्यीकरण: कूड़ा घरों के व्यवस्थित होने से शहर साफ-सुथरा दिखेगा।
मलबा हटाने का काम सौंपा गया
शहर को निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) मलबे से पूरी तरह मुक्त करने के लिए नगर निगम की इंजीनियरिंग विंग ने इस कार्य के लिए तीन एजेंसियों को लगाया है। उन्हें शहर को एक माह में मलबा मुक्त करने का लक्ष्य दिया है।
एजेंसियों ने सेक्टर-10, सेक्टर-29 और फरीदाबाद रोड किनारे से मलबा उठाने का काम शुरू कर दिया है। अकेले सेक्टर-10 में खाली जमीन पर 1.5 लाख टन मलबा पड़ा है। इन क्षेत्रों से मलबा उठाकर बसई स्थित सीएंडडी वेस्ट निस्तारण प्लांट में भेजा जा रहा है। बसई स्थित सीएंडडी वेस्ट प्लांट की क्षमता पहले 300 टन थी, जिसे बढ़ाकर 1200 टन प्रतिदिन किया गया है। शहर से प्रतिदिन लगभग 1200 टन मलबा निकलता है। पिछले पांच साल में निगम मलबा निपटान के नाम पर सौ करोड़ से ज्यादा खर्च कर चुका है, फिर जहां-तहां मलबा पड़ा है। गुरुग्राम नगर निगम के कार्यकारी अभियंता सुंदर श्योराण ने बताया कि बसई सीएंडडी वेस्ट प्लांट में मलबा भेजा जा रहा है। एक माह में शहर को मलबा मुक्त करने की तैयारी है।





