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इमरजेंसी में बेड खाली न होने से स्ट्रेचर पर इलाज

गुरुग्राम। जिले में बुखार का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। कई-कई परिवारों के...

इमरजेंसी में बेड खाली न होने से स्ट्रेचर पर इलाज
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवThu, 23 Sep 2021 11:40 PM
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गुरुग्राम। जिले में बुखार का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। कई-कई परिवारों के सभी सदस्य बुखार की चपेट में हैं। डेंगू और मलेरिया भी तेजी से पैर पसार रहा है। इससे सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है। आलम यह है कि शहर के इकलौते सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में अब मरीजों को इलाज के लिए बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड में सभी बेड भर जाने के कारण मरीजों का इलाज अब डॉक्टर स्ट्रेचर पर कर रहे हैं। गुरुवार को उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ नागरिक अस्पताल पहुंची महिला को बेड नहीं मिल पाया। इस वजह से उसे इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही स्ट्रेचर पर लेटाकर ड्रिप चढ़ाई गई।

पटेल नगर निवासी रहमद ने बताया कि उनकी पत्नी खबिया को दो दिन से उल्टी व दस्त लगे हुए हैं। इलाज के लिए वह उसे गुरुवार सुबह 11 बजे सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल ले कर आए। शहीदी दिवस की छुट्टी के चलते ओपीडी बंद होने के कारण उसे इमरजेंसी वार्ड में भेज दिया गया। डॉक्टर ने वहां जांच के बाद ग्लूकोज चढ़ाने की बात कही, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में पहले से सभी बेड पर मरीज भर्ती होने की वजह से उनकी पत्नी को बेड नहीं मिल पाया। डॉक्टरों ने उनकी पत्नी को इमरजेंसी वार्ड के बाद बरामदे में ही स्ट्रेचर पर लेटाकर उसे ड्रिप चढ़ाई और वहीं पर इलाज किया। रहमद ने बताया कि दोपहर बाद पहले से भर्ती किसी मरीज को छुट्टी मिलने के बाद उनकी पत्नी को इमरजेंसी वार्ड में बेड दिया गया।

एक बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज:

मरीजों का दबाव केवल ओपीडी में ही नहीं नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भी बढ़ गया है। दिन हो या रात बड़ी संख्या में मरीज बुखार, उल्टी, दस्त, कमजोरी की शिकायत के साथ इलाज कराने के लिए नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे, बड़े, बूढ़े सभी आयु वर्ग के मरीज शामिल हैं। नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में केवल 15 बेड की ही व्यवस्था है। ऐसे में सभी मरीजों को इमरजेंसी में बेड नहीं मिल पा रहे हैं। मरीजों का दबाव अधिक होने के कारण डॉक्टर इमरजेंसी में एक ही बेड पर दो-दो मरीजों को भी लेटाकर उनका इलाज कर रहे हैं। वहीं गंभीर हालत के साथ आ रहे मरीजों को दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में या रोहतक पीजीआई रेफर किया जा रहा है।

अन्य वार्ड में भी मरीज बढ़े

नागरिक अस्पताल में बने मेडिसिनि वार्ड, आइसोलेशन वार्ड, बाल वार्ड, सर्जिकल वार्ड, गायनी वार्ड में भी मरीजों की भरमार है। मौसमी बीमारियों सहित अन्य बीमारियों से ग्रस्त होने के चलते मरीज इन सभी वार्ड में भर्ती हैं। इस वजह से इन सभी वार्ड में लगभग सभी बेड भर चुके हैं। नागरिक अस्पताल की ओपीडी में रोजाना इन दिनों दो हजार के करीब मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। ओपीडी में मरीज बढ़ने की वजह से आईपीडी में भी मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले 15 फीसदी तक बढ़ गई है। इसी के कारण वार्ड में बेड तेजी से भर गए हैं।

30 सितंबर तक रैपिड फीवर सर्वे चलेगा:

जिले में बुखार के मरीजों की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर रैपिड फीवर सर्वे शुरू कर दिया है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सुधा गर्ग ने बताया कि चूंकि इस दौरान मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू और मलेरिया का प्रकोप काफी ज्यादा हो गया है। ऐसे में इसे फैलने से रोकने के लिए मरीजों का समय पर इलाज भी जरूरी है। इसी के चलते विभाग सबसे पहले बुखार के मरीजों की पहचान कर रहा है। उन्होंने बताया कि रैपिड फीवर सर्वे के तहत स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न टीमें अलग-अलग इलाकों में लोगों के घरों तक जाएंगी। डोर टू डोर सर्वे करके लोगों के स्वास्थ्य का फीडबैक लिया जाएगा। उसके आधार पर बुखार के मरीजों की पहचान की जाएगी। बुखार के मरीजों में अन्य लक्षण मिलने पर उनके मौके पर ही डेंगू व मलेरिया की जांच के लिए नमूने भी एकत्रित किए जांएगे। डॉ. सुधा गर्ग ने बताया कि यह रैपिड फीवर सर्वे 30 सितंबर तक चलेगा।

सभी फ्लू कॉर्नर पर नमूने लिए जाएंगे:

मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर की गई तैयारियों की बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को डेंगू और मलेरिया के मरीजों की पहचान के लिए जांच बढ़ाने के निर्देश दिए। वहीं उन्होंने सभी जगह बनाए गए फ्लू कॉर्नर पर आने वाले संदिग्ध मरीजों के डेंगू और मलेरिया की जांच करने के लिए नमूने लेने की भी व्यवस्था करने को कहा। सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर भी फ्लू कॉर्नर पर संदिग्ध मरीजों के नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं। जिनकी जिले में ही जांच की जा रही है।

सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष राठी ने बताया कि मरीजों को अस्पताल में सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त बेड की भी व्यवस्था की जा रही है। किसी भी मरीजों को इलाज मिलने में परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

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