रविवार को भी धरने पर रहे एनएचएम कर्मचारी, दस कर्मचारी रहे क्रमिक भूख हड़ताल पर,हड़ताल बढ़ाने पर आज होगा फैसला
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों की हड़ताल 13वें दिन जारी रही। एनएचएम कर्मचारियों द्वारा जिला नागरिक अस्पताल में रविवार को हड़ताल के दौरान धरना दिया। रविवार को एनएचएम के दस कर्मचारी...
गुरुग्राम। कार्यालय संवाददाता
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों की हड़ताल रविवार को 13वें दिन भी जारी रही। एनएचएम कर्मचारियों द्वारा जिला नागरिक अस्पताल में धरना दिया गया।
रविवार को एनएचएम के दस कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल पर रहे। इसमें पांच महिलाएं और पांच पुरुष थे। सोमवार को एनएचएम कर्मचारी आगे की रणनीति तैयार करेंगे। हड़ताल को आगे बढ़ाने का ऐलान किया जाएगा। सोमवार को एनएचएम कर्मचारी सीआरपीएफ के शहीदों के लिए प्रदेश भर से रुपये एकत्रित करेंगें। सभी कर्मचारियों द्वारा रुपये जुटाने के बाद मुख्यमंत्री को चेक सौंपा जाएगा।
26 जगह स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से शहर और ग्रामीण दोनों जगह स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रहीं हैं। इसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के कारण पिछले 13 दिनों से 18 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लटके हैं, जबकि 24 घंटे चलने वाले आठ ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं। इन पीएचसी से 400 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ऐसे में स्टाफ नर्स, लेब तकनीशियन और फार्मासिस्ट सहित अन्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। गुरुग्राम गांव, वजीराबाद, मंदपुरा सहित अन्य पीएचसी पर सेवाएं मिलने में दिक्कत हो रही है।
रणनीति होगी तैयार
एनएचएम के जिला सचिव कुलभूषण यादव ने बताया कि कर्मचारियों द्वारा शांतिपूर्वक धरना दिया जा रहा है। सोमवार को हड़ताल को आगे बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। अगर सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी गईं। हमें वापस नहीं लिया गया, तो एनएचएम कर्मचारियों द्वारा आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। सभी हड़ताली कर्मचारियों को मुख्यालय द्वारा बर्खास्त किया जा चुका है।
एंबुलेंस सुविधा सबसे ज्यादा प्रभावित
हड़ताल के कारण सबसे ज्यादा असर एंबुलेंस सुविधा पर पड़ा है। एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण मजबूरन लोगों को ऑटों और रिक्शा का सहारा लेना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल से मरीज को रेफर किए जाने के बाद एंबुलेंस के लिए उसे घंटों इंतजार करना पड़ता है। निजी एंबुलेंस चालक दोगुने दाम मरीजों से वसूलते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की सिर्फ कागजों में ही छह एबुलेंस चल रही है। कंट्रोल रूम में हेल्पलाइन नंबर और मोबाइल उठाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में मरीजों को ज्यादा दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है।