गुरुग्राम। शहर की जलापूर्ति को बाधित करने में पाइप लाइनों के लीकेज सबसे बड़ा कारण होते हैं। लीकेज से बह रहे पानी के कारण पाइप लाइनों में प्रेशर नहीं बन पाता है। इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही हाल सेक्टर-27 का है। सेक्टर-27/43 के विभाजित रोड पर लाइन दो दिनों से लीकेज है। जिससे तीन हजार लोगों को दिक्कत आ रही है।
निगम आपूर्ति को सुचारू रखने में नाकाम:
सेक्टर के लोगों की प्यास बुझाने का जिम्मा नगर निगम के कंधों पर है, लेकिन निगम आपूर्ति को सुचारू रख पाने में नाकाम साबित हो रहा है। इसकी वजह पाइप लाइनों के लीकेज हैं। आएदिन किसी न किसी क्षेत्र में ही लंबे समय से पाइप लाइन का लीकेज है। इससे आपूर्ति पर बुरा असर पड़ रहा है, साथ ही आसपास कीचड़ की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। इसके बाद भी निगम अफसर जानकर भी अनजान बने हुए हैं। ऐसे में समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
दैनिक कार्य प्रभावित:
सेक्टर के रहने वाले देवेंद्र ने कहा कि पाइप लाइनों के लीकेज सुधारे नहीं जाते हैं। जिससे घरों का दैनिक कार्य प्रभावित हो रहा है। कोरोना महामारी से सभी जूझ रहे है। पिछले दो दिन से पानी की आपूर्ति कम हो रही है। यह इलाका ऊंचाई पर होने से ज्यादा परेशान होती है। गोपाल सिंह ने कहा कि सेक्टर में जलापूर्ति सुधारने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह नाकाफी हैं। यही कारण है कि आपूर्ति में सुधार नहीं हो पा रहा है।
पुरानी पाइप लाइनें लीकेज हो जाते हैं:
सेक्टर निवासी चंदन ने कहा कि सेक्टर के कई क्षेत्रों में नई पाइप लाइन बिछाई गई थी। उन एरिया में पानी नहीं आता है। गर्मी में तो और दिक्कत हो जाती है। जिससे लोगों को शुद्ध पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। परमाल सिंह ने कहा कि एक ओर कई लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है। वहीं, रोजाना सैकड़ों लीटर पानी गाड़ियों की धुलाई करके बर्बाद हो रहा है। निगम को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। मनोज कुमार ने कहा कि वर्षों पुरानी पाइप लाइनें होने के कारण अक्सर उनमें लीकेज हो जाते हैं। इन पाइप लाइनों को बदलने की जरूरत है।
-लीकेज सही कराए जा रहे हैं। जहां से इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं, उन्हें ठीक किया जा रहा है। जिससे लोगों को दिक्कत नहीं हो। लाइनें जरुर पुरानी है। कहीं-कहीं बदले जा रहे हैं।
रमन शर्मा, मुख्य अभियंता नगर निगम