खतरनाक: बिना वजह हॉर्न बजाने से 80 प्रतिशत फैलता है ध्वनि प्रदूषण
बिना वजह हॉर्न बजाने से 80 प्रतिशत ध्वनि प्रदूषण वातावरण में फैलता है। इससे रिहायशी इलाकों में रहना मुश्किल हो गया है। इसकी वजह से लोगों में चिड़चिड़ापन, कम सुनाई देने की बीमारी, रक्तचाप बढ़ना, नींद...
बिना वजह हॉर्न बजाने से 80 प्रतिशत ध्वनि प्रदूषण वातावरण में फैलता है। इससे रिहायशी इलाकों में रहना मुश्किल हो गया है। इसकी वजह से लोगों में चिड़चिड़ापन, कम सुनाई देने की बीमारी, रक्तचाप बढ़ना, नींद नहीं आना और काम में मन नहीं लगना जैसी बीमारियां जकड़ती जा रही हैं। शनिवार को सेक्टर-29 जिमखाना क्लब में इसका खुलासा करते हुए दी अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन के संस्थापक रवि कालरा ने पत्रकारों से कहा कि शहरों में ऐसा प्रवाधान किया जाए। जिससे रिहायशी इलाकों में हार्न बजाना बंद हो जाए। स्कूल, धार्मिक भवन, अस्पतालों के पास भी हॉर्न बजाना पूरी तरह से प्रतिबंधित होना चाहिए।
रवि कालरा ने कहा कि गुरुग्राम के बाद बाद दूसरे डू नॉट हांक कार्यक्रम तीन फरवरी को मुंबई में शुरू किया जाएगा। इस दौरान वाहनों के द्वारा बिना वजह हॉर्न बजाने के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व का सबसे बड़ा अभियान होगा। इस अभियान में स्कूल के बच्चे, मुंबई में रहने वाले रिहायशी इलाकों के लोग और समाज सेवी संस्थाएं, पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर गाड़ियों में बंपर के ऊपर डू नॉट हांक के स्टीकर लगाएं जाएंगे। ड्राइवरों को बिना वजह हॉर्न बजाने की सलाह दी जाएगी।